गुर्जर मतदाताओं को साधने की कोशिश, कल किरोड़ी कर चुके हैं ये प्रयास
अभिषेक आचार्य
RNE, NETWORK .
पूर्वी राजस्थान में प्रतिष्ठा की सीट बनी दौसा में राजनीतिक उथल पुथल बहुत तेज गति से हो रही है। यहां बाबा किरोड़ीलाल मीणा ने भाजपा का टिकट अपने भाई जगमोहन को दिलवाया है। विधानसभा चुनाव के समय वे टिकट लेने में असफल रहे थे। उसके बाद वे नाराज ही चल रहे थे। नाराजगी के चलते उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया। हालांकि उस इस्तीफे को सीएम ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। अब जब उप चुनाव में उनके भाई जगमोहन को टिकट मिल गया तो वे नरम पड़ गये है। ये सीट अब भाजपा से ज्यादा बाबा किरोड़ी की प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस सीट पर दीनदयाल बैरवा को उम्मीदवार बनाया है। ये उम्मीदवार सांसद मुरारीलाल मीणा व सचिन पायलट की सहमति से तय हुआ है। इस सीट पर विधानसभा चुनाव मुरारीलाल मीणा ने जीता था जो बाद में सांसद बन गये। इसी कारण इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। इस कारण ये सीट पायलट व मुरारी मीणा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।
ये क्षेत्र पायलट का है और वो गुर्जर समाज के सर्वमान्य नेता हैं। मीणा भी इस क्षेत्र में सदा उनका साथ देते रहे हैं। क्योंकि मीणा समुदाय में किरोड़ी के बाद अच्छी पकड़ मुरारी मीणा व हरीश मीणा की मानी जाती है। मुरारी व हरीश कभी भी किरोड़ी बाबा पर कोई टिप्पणी नहीं करते। ठीक इसी तरह किरोड़ी बाबा भी इन दोनों पर कुछ नहीं बोलते।
मगर इस बार बाबा व मुरारी आमने सामने हैं। मूल रोल इस विधानसभा में गुर्जर मतदाताओं का भी रहेगा। उन्ही को साधने के लिए किरोड़ी बाबा व मुरारी मीणा पूरा जोर लगाए हुए हैं। मंगलवार को किरोड़ी बाबा गुर्जर समाज के स्नेह मिलन समारोह में शामिल हुए और पायलट को लेकर बहुत सॉफ्ट रहे। वो तो यहां तक कह गए कि यदि कभी गलती से कुछ बोल गया होऊं तो क्षमा करना। जगमोहन भी पायलट की तरह आपके साथ रहेगा।
अब दौसा में सचिन पायलट की एंट्री हो रही है। मुरारी मीणा ने बताया कि वे 4 नवम्बर को दौसा आयेंगे और चुनावी कार्यक्रमों में भाग लेंगे। सचिन की एंट्री के साथ ही दौसा का चुनाव रोचक हो जायेगा और ये सीट प्रतिष्ठा की सीट बन जाएगी। यहां भाजपा व कांग्रेस में कड़ा मुकाबला रहेगा।