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मन का आत्मविश्वास मजबूत होगा तो सुसाइड शब्द का विचार ही नहीं आएगा

RNE Network

  • उदयपुर में 9-10 नवम्बर को कार्यशाला में सुसाइड रोकने के अभियान पर होगा मंथन
  • आचार्य विजयराज की प्रेरणा से शुरू किया गया अभियान

दुनिया में डिप्रेशन के बाद व्यक्ति को कुछ सुझता नहीं और वह अपनी जीवन लीला को समाप्त कर देता है। सुसाइड शब्द ही जीवन में नहीं होना चाहिए लेकिन आजकल ​इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है और इनको रोकने के लिए एक पहल आगे की गई और करना कुछ नहीं है अपने मन में आत्म विश्वास बढ़ाना है। इस नवाचार को लेकर आचार्य विजयराज महाराज की प्रेरणा से पूरे देश में एक अभियान चलाया जा रहा है।

सुसाइड फ्री यूनिवर्स (SFU) संकल्प समिति के राष्ट्रीय संयोजक बछराज लूणावत ने शुक्रवार को उदयपुर में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दुनिया में बढ रहे अवसाद (डिप्रेशन) के कारण ऐसी अनेक घटनाएं हो रही है जिसके कारण बहुत से लोग दु:खी हो रहे हैं। आत्महत्या रुपी जघन्य कृत्य मानव मात्र को दु:खी कर रहा है। इस जघन्य कृत्य से सभी व्यथित हैं कई धर्माचार्य, समाजसेवी व आम आदमी भी इस जघन्य कृत्य को न करने के लिए प्रेरणा देते हैं। सरकार भी इसको रोकने के लिए क़दम उठाती है।

लुणावत बताते है कि आचार्य विजयराज महाराज ने इसकी प्रेरणा दी और हमने काम शुरू कर दिया और इसके लिए सबसे सबसे पहले पॉजिटिविटी को अपनाना होगा, जीवन में नेगेटिविटी के भाव आने ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि सुसाइड एक पल का काम है लेकिन उस एक पल में सुसाइड करने वाला एक बार हमसे कनेक्ट हो जाता तो उसके विचार बदलते ही उसको जीवन दान मिल जाता है।

लुणावत ने बताया कि आत्महत्या जैसे जघन्य पाप से लोगों को बचाने के लिए जैनाचार्य विजयराज महाराज ने 10 सितम्बर 2022 को जो आत्महत्या निषेध दिवस है पर बीकानेर चातुर्मास के समय एक कार्यक्रम शुरू करने कि प्रेरणा श्री शांत क्रांति जैन श्रावक संघ को देकर इसे जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। जैनाचार्य ने सभी को इसमें जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इसे अभियान रुप में शुरू किया जाए व निरंतर अभियान चलाया जाए।

श्री शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के सभी अनुयायियों ने इसे अपने लिए एक अवसर के रूप में लिया व जन जन तक पहुंचाने का प्रयास शुरू किया। कभी रैली कहीं संगोष्ठी तो कभी अन्य कार्यक्रम लेकर हम जन के बीच आए। हमारे इस अभियान में सभी जाति वर्ग के लोग जुड़ने लगे। आम आदमी को अवसाद से बचाकर आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक इस अभियान को सकारात्मक दिशा मिलने से सभी का उत्साह भी बढ़ने लगा।

उदयपुर में 9—10 को कार्यशाला:

लुणावत ने बताया कि अभियान के लिए प्रेरक सेवकों को और ज्यादा पैमाने पर कार्य कैसे करें के लिए मार्गदर्शन के लिए आचार्य उपाध्याय प्रवर व विनोद मुनि के सानिध्य में एक कार्यशाला 9-10 नवम्बर को उदयपुर में आयोजित की जा रही है। उदयपुर की धरती पर होने वाली इस कार्यशाला में इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कई विषयों पर चर्चा की जाएगी।

संकल्प पत्र के एक—एक शब्द आत्मविश्वास बढ़ाते है

राष्ट्रीय सहसंयोजक सुरेन्द्र कुमार डागा “अर्हम” बीकानेर ने बताया कि एसएफयू संकल्प समिति का गठन किया गया जो श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के अन्तर्गत आता है। एक संकल्प पत्र जिसके एक एक शब्द को ध्यान से पढ़ें तो आदमी का आत्मविश्वास बढ़ जाता है। इस संकल्प पत्र के लिए आचार्य श्री विजय राज जी महाराज साहब, उपाध्याय प्रवर श्री जितेश मुनि जी, विनोद मुनि जी व संतो का विशेष मार्गदर्शन रहा जो अपने आप में अनूठा है। इसे इस युग का अमृत कलश कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
अब तक लाखों लोगों को संकल्पित करने में प्रेरक सेवकों का विशेष प्रयास सराहनीय रहा है। इस अभियान के जरिए कई जीवन बचाने में कामयाब हुए तो हजारों लोगों को अवसाद से निकलने में सहायक बने। सभी लोग इस अभियान के लिए आचार्य श्री कि प्रशंसा करते हुए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। आचार्य श्री के शब्द जो मंत्र बन गए हैं

‘विजय गुरु का यह फरमान नष्ट ना करें अपने अरमान’

युवा संघ महामंत्री अनुराग भादविया ने बताया कि श्री विजय गुरु का यह फरमान नष्ट ना करें अपने अरमान स्लोगन के इस अभियान को शहरों से गांवों तक आगे बढ़ाया है।