उप चुनाव है, मत अवश्य डालें, सरकार पर असर हो न हो, लोकतंत्र पर होगा
RNE Special.
आज राज्य की 7 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। इन चुनावों के परिणाम से न तो किसी की सरकार गिरेगी और न किसी की सरकार बनेगी। माना सरकार पर असर नहीं होगा, मगर लोकतंत्र पर बड़ा असर होगा। लोकतंत्र को मजबूत करने का ऐसा यानी उप चुनाव का अवसर मतदाताओं को बहुत कम मिलता है। क्योंकि यदि उप चुनाव न हो तो फिर मत देने का अधिकार 5 साल बाद ही मिल पाता है। हम सरकार पर बीच में अपनी कोई राय दे ही नहीं सकते। देने की कोशिश भी करें तो उसे कोई सुनता नहीं।
उप चुनाव चलती सरकार व विपक्ष पर राय देने का मजबूत जरिया है। इस कारण ये लोकतंत्र की दृष्टि से मूल चुनाव से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस चुनाव में जनता ये अभिव्यक्त कर सकती है कि चल रही सरकार ठीक से काम कर रही है या नहीं, मूल चुनाव के समय उसने जो वादे किए थे उसे पूरा करने को तत्पर है या नहीं। वो विकास की यात्रा पर है या नहीं। यदि नहीं हो तो मतदाता उप चुनाव में उसे विपरीत निर्णय देकर सचेत कर सकता है। सरकार को भी अपने कामों के मूल्यांकन का अवसर मिलता है। ये होगा तभी वो अपने में जन अपेक्षाओं के अनुसार सुधार करेगी। इसी वजह से तो सरकार के नजरिये से उप चुनाव ज्यादा महत्व के होते हैं, ये मतदाता को समझना होगा।
यही स्थिति विपक्ष की भी है। विपक्ष जन हित के कितने मुद्दे उठा पाया, उसका मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है। उसके नेताओं के जन जुड़ाव का भी परीक्षण होता है। मतदाता इस बात का भी मूल्यांकन कर सकता है कि विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है या उसमें सकारात्मकता है। यदि विपक्ष सही है और जन हित के मुद्दे उठा रहा है तो उप चुनाव में उसे शक्ति देकर उत्साहित किया जा सकता है ताकि सरकार वाजिब जन हित के मुद्दों को नजरअंदाज न करे। लोकतंत्र का मूल सिद्धांत भी यही है कि विपक्ष भी मजबूत हो ताकि लाभ जनता को मिले। इस कारण उप चुनाव मूल चुनाव से ज्यादा महत्ती होते हैं। मतदाताओं को ये भी बात ध्यान रखनी है।
इस तरह हे मतदाताओं ! जहां उप चुनाव हो रहे हैं वहां के मतदाताओं !! आप मतदान करके केवल अपने क्षेत्र की नहीं अपितु पूरे राज्य की जनता की अभिव्यक्ति देंगे। लोकतंत्र की अभिव्यक्ति देंगे। बड़ी और पवित्र जिम्मेदारी 7 विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं पर ही है कि वे पूरे राज्य की भावना को व्यक्त करें। इस कारण जाति, वर्ग, धर्म, प्रलोभन में न आयें, लोकतंत्र और पूरी राज्य की जनता की भावना की कद्र करें। हर हाल में मतदान करें। कोई एक उम्मीदवार जीतेगा, बाकी हारेंगे, मगर ये तो तय है कि राज्य की जनता जीतेगी। लोकतंत्र की विजय सुनिश्चित है। हे मतदाता, इन बड़ी जीतों पर ध्यान रखकर मतदान अवश्य करें।
ये भी सही है कि कम स्थानों पर चुनाव है, 200 में से 7 पर, इस कारण राजनीतिक दलों ने, उम्मीदवारों ने, बहुत अधिक शक्ति आपको लुभाने के लिए झोंक रखी है। हर तरह से वे प्रभावित करने में लगे हैं। सबकी सुननी है, सब खुली आँखों से देखना है, मगर नजर लोकतंत्र व राज्य की पूरी जनता पर रखनी है। उसने आप से बहुत उम्मीद की हुई है, जिस पर खरा उतरना है।
इस बार तो इन 7 विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की बड़ी परीक्षा है, इसे पास करने पर ही लोकतंत्र बचेगा। क्योंकि 7 चुनाव क्षेत्रों में चुनाव आयोग ने 700 से अधिक मतदान केंद्रों को संवेदनशील चिन्हित किया है। ये लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है, लोकतंत्र की चिंता को अब इन बूथों के मतदाता ही दूर कर सकते हैं। एक विधानसभा क्षेत्र खींवसर के तो लगभग सभी बूथ संवेदनशील है, वहां के मतदाताओं पर पूरे राज्य की नजर है, इसलिए उनका तो बड़ा कर्त्तव्य बनता है कि वे अपने संविधान प्रदत्त मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।
चुनाव आयोग से 900 से अधिक मतदाताओं ने भी भयग्रस्त होने की शिकायत भी की है। उनका कहना है कि हमें भयभीत किया गया है। चुनाव आयोग ने उनको मतदान के समय सुरक्षा देने का भी प्रबंध किया है। वे सुरक्षा लें, मतदान अवश्य करें। लोकतंत्र को विजयी बनाना है। इस स्थिति का निदान करने में भी सभी 7 सीटों के मतदाता योगदान कर सकते हैं। वे अधिक मतदान कर ये चुनौती दे सकते हैं कि हम भयभीत नहीं होंगे, अपने मत के अधिकार का उपयोग करेंगे। लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।
हे 7 सीटों के मतदाताओं! आज पूरे राज्य की नजरें आप पर है। आप चुनौती लेकर भी मताधिकार का उपयोग करें। राज्य की जनता की भावना को अभिव्यक्ति दें। लोकतंत्र को विजयी बनायें। हर हाल में लोकतंत्र की जीत सुनिश्चित करें। आप पर ही इसकी जिम्मेवारी है।
मधु आचार्य ‘आशावादी’ के बारे में