भजनलाल सरकार एक साल पर तोहफे देगी, मगर कठोर निर्णयों के साथ
RNE Special
राज्य की भजनलाल सरकार अपना एक साल पूरा होने पर वृहद स्तर पर आयोजन करने की तैयारी कर रही है। जिला स्तर पर भी आयोजन होंगे। इसकी तैयारियां जिले से लेकर राज्य स्तर पर हर विभाग ने करनी आरम्भ कर दी है। एक साल की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए कई आयोजन की रूपरेखा बनाई गई है। सरकार बताना चाहती है कि एक साल की छोटी सी अवधि में उसने कई वादों को पूरा कर दिया है, जो पिछली कोई सरकार नहीं कर पाई। हर विभाग का रिपोर्ट कार्ड मंत्रियों ने तैयार कराया है।
सरकार को एक साल पूरा होने से पहले विधानसभा उप चुनाव के परिणाम भी मिल जायेंगे। उम्मीद तो सरकार को यही है कि इस बार सफलता मिलेगी। क्योंकि 1 सीट है भाजपा की मगर जीतने की उम्मीद इससे ज्यादा है। इस कारण खुशी ज्यादा होनी तय है। लोकसभा चुनाव व पिछले विधानसभा उप चुनाव में सरकार को सफलता नहीं मिली थी, इस कारण उप चुनाव को पूरा दम लगाकर लड़ा व अच्छे की उम्मीद भी है। ये चुनावी सफलता एक साल के जश्न को ज्यादा उत्साहजनक बनाने का काम करेगी। इसी वजह से सरकार एक साल पूरा होने पर वो कठोर निर्णय भी ले लेगी, जिनको लेने से उप चुनाव के कारण सरकार बच रही थी। उनको चुनाव होने तक टाल रही थी। इस कारण माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार जहां कई तोहफे जनता को देगी वहीं उसके साथ कठोर निर्णयों का घूंट भी पिलायेगी।
भजनलाल सरकार एक साल पूरे होने पर जहां विकास की कई योजनाओं की घोषणा करने की तैयारी कर रही है वहीं कुछ नये जन हित के निर्णय भी लागू करेगी। हर संभाग व जिले के लिए विकास की योजनाओं का एक प्रारूप तैयार किया गया है। जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के फीडबैक के आधार पर योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया है। इसके अलावा वे नियम जो जनता के लिए परेशानी का सबब हैं, उनको भी बदलने की घोषणा होगी।
रोजगार को राज्य सरकार प्राथमिकता दे रही है। इस कारण एक साल के जश्न पर भर्तियों का बड़ा पिटारा खुलने की उम्मीद है। हर विभाग ने रिक्त पदों की स्थिति तैयार की है और उसके अनुसार भर्तियों की घोषणा होने की उम्मीद है। किसानों के लिए सरकार खास घोषणाएं कर सकती है। हरियाणा, मध्यप्रदेश की तर्ज पर किसानों के लिए लुभावनी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है। शिक्षा व स्वास्थ्य पर भी कई घोषणाएं होनी तय समझी जा रही है।
सरकार को अब कई कठोर निर्णय भी करने हैं। पिछली सरकार की अंतिम 6 महीनें की घोषणाओं की समीक्षा के लिए मंत्रियों की बनी सब कमेटी अपनी रिपोर्ट सीएम को दे चुकी है। उसे अब तक रोके रखा गया था क्योंकि कुछ योजनाओं को बंद भी करने का सुझाव सब कमेटी ने दिया है। वो लंबित निर्णय अब कठोरता से होने के आसार हैं।
इसी तरह पिछली सरकार के समय बने संभागों व जिलों के ओचित्य पर बनी कमेटी भी अपना निर्णय दे चुकी है। उसकी सिफारिशें भी उप चुनाव के कारण रोक ली गई थी। अब इन पर भी निर्णय की संभावना है। कुछ जिले समाप्त होने तय है। माना जा रहा है कि 5 छोटे जिले समाप्त किये जायेंगे। ये कठोर निर्णय भी सरकार के एक साल पूरे होने पर होने के आसार है।
कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने पेंशन को लेकर यूपीएस लागू किया मगर राज्य सरकार ने उसे लागू नहीं किया। कर्मचारी ओपीएस की मांग पर ही अड़े हुए हैं। इस पर भी सरकार अपना निर्णय एक साल के जश्न पर ले सकती है। फ्री की अनेक योजनाएं पिछली सरकार ने चालू की थी, उनमें से कुछ पर कठोर निर्णय ये सरकार ले सकती है। उसके पूरे आसार लगते हैं।
कुल मिलाकर एक साल पूरा होने पर एक तरफ जहां भजनलाल सरकार कई तोहफे देगी वहीं कठोर निर्णयों का डोज भी देगी, इसकी पूरी संभावना लगती है।
मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में
मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।