Rajasthan : डॉक्टर्स ने मृत बताया, फ्रिज में रखवाया, पोस्टमार्टम की कागजी कार्यवाही हुई, चिता पर ले रहा था सांस
- PMO डॉ.संदीप पचार, डॉ.योगेश जाखड़, डॉ.नवनीत मील सस्पेंड, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर किया मुख्यालय
- Jaipur : देर रात युवक को झुंझुनूं से जयपुर SMS शिफ्ट किया, सुबह SMS Hospital में मौत
RNE Network, Jhunjhunoo-Jaipur.
झुंझनूं के हॉस्पिटल में जिंदा युवक को मृत घोषित करने के साथ ही शव मान फ्रिज में रखवाने और पोस्टमार्टम की कागजी कार्रवाई तक कर देने के पांच घंटे बाद चिता से जिंदा लौटे युवक की शुक्रवार सुबह जयपुर के SMS Hospital में मौत हो गई। इस मामले में जिंदा युवक को मृत घोषित करने वाले डॉक्टर योगेश कुमार जाखड़, पोस्टमार्टम की खानापूर्ति करने वाले डॉक्टर नवनीत मील, मामले को घंटों तक दबाये रखने वाले भगवान दस खेतान हॉस्पिटल के PMO डॉक्टर संदीप पचार को सस्पेंड कर दिया गया है। तीनों का मुख्यालय जैसलमेर, बाड़मेर और जालोर किया गया है।
मामला यह है-मृत घोषित कर फ्रिज में रख दिया :
झुंझुनूं के BDK जिला हॉस्पिटल में गुरुवार दोपहर को एक अनाथ मूक बधिर युवक को इलाज के लिए लाया गया था। डॉक्टर्स ने उसे कुछ मिनटों में उसे मृत घोषित कर दिया। मां सेवा संस्थान के बगड़ स्थित आश्रम में रहने वाले रोहिताश को मृत मान मोर्चरी के फ्रिजर में रख दिया। लगभग दो घंटे बीमार युवक फ्रिजर में रहा। शाम लगभग 05 बजे अंतिम संस्कार के लिए सामाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं को सौंपा। श्मशान घाट में चिता पर लेटे युवक के शरीर में हरकत हुई तो पता चला कि वह जिंदा है। इसके बाद आनन-फानन में वापस हॉस्पिटल लाया गया। यहां इलाज शुरू करने के बाद देर रात जयपुर रेफर कर दिया। सुबह SMS हॉस्पिटल में 25 वर्षीय अनाथ युवक की मौत हो गई।
बड़ा सवाल : क्या इलाज नहीं मिलने और दो घंटे फ्रिजर में रखने से हुई युवक की मौत :
इस मौत के बाद हालांकि तीन डॉक्टर्स को सस्पेंड किया है लेकिन सवाल यह है कि आखिर युवक की मौत कैसे हुई। क्या घंटों इलाज नहीं मिलने और शव मान फ्रिजर में रख देने से उसकी जान चली गई। ऐसा है तो क्या तीन डॉक्टर्स को सस्पेंड करने की कार्रवाई पर्याप्त है। हालांकि इस मामले में एक जांच कमेटी बनाई है। जांच कमेटियों और उनकी रिपोर्ट्स का क्या हश्र होता है यह किसी से छिपा नहीं है।