Rajasthan : महिला के पेट में टॉवल छोड़ा, गांठ बताकर देते रहे दवा
RNE Nagaur. (Kuchaman)
राजस्थान में एक जिंदा आदमी को मृत बता फ्रिज में रखवाने और चिता पर हरकत के बाद हॉस्पिटल लाने की जानलेवा लापरवाही के बाद मरीज के साथ हुई एक और बड़ी घटना सामने आई है। नए मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।
घटना यह है :
दरअसल नया मामला डीडवाना-कुचामन के सरकारी हॉस्पिटल में लापरवाही का है। यहां एक महिला चंचल कंवर की सिजेरियन डिलीवरी के बाद लगातार पेट में दर्द होता रहा। डॉक्टर्स गांठ बताकर इलाज करते रहे। आखिर जब पीड़िता का परिजन AIIMS ले गए तो पता चला कि सर्जरी के दौरान महिला के पेट में टॉवल (गॉज) रह गया।
गॉज का साइज 15 गुणा 10 सेंटीमीटर बताया गया है। कुचामन के जिला अस्पताल में इस महिला की डिलीवरी डॉक्टर हरेंद्र नेत्रा और उनकी टीम ने 1 जुलाई 2024 को कराई थी।
इलाज के लिए भटकते रहे :
पीड़िता चंचल कंवर के पति पवन कुमार के मुताबिक 1 जुलाई 2024 को कुचामन के जिला अस्पताल में डॉक्टर हरेंद्र नेत्रा और उनकी टीम ने ऑपरेशन किया और 10 जुलाई को छुट्टी दे दी गई। पेट दर्द कम नहीं होने पर कई हॉस्पिटल में दिखाया। अजमेर में एक हॉस्पिटल के डॉक्टर ने तो पेट में गांठ बताकर दवाइयां शुरू कर दीं। आखिरकार जोधपुर स्थित एम्स में दिखाया तो यहां सिटी स्कैन में पेट में कुछ चीज होने की जानकारी मिली।
इस पर सर्जरी की गई और एक बड़ा मेडिकल गॉज (टॉवल) निकाला गया। डॉक्टरों ने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी के दौरान यह गॉज पेट में रहने के कारण आंतें खराब हो गई हैं। तीन महीने तक लगातार दर्द निवारक दवाएं लेने के कारण अन्य अंगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके बाद डॉक्टरों और उनकी टीम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।