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Constitution Day : “हम भारत की महिलाएं” में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, महिला आयोग अध्यक्ष विजया राहटकर हुए शामिल

  • अनगिनत देशवासियों के बलिदान के बाद मिली आजादी, इसे सुरक्षित रखने ‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना जरूरी: राज्यपाल बागडे
  • राष्ट्रीय महिला आयोग और नगर निगम के तत्वावधान में ‘हम भारत की महिलाएं’ कार्यक्रम आयोजित

 

RNE Bikaner.

“अम्मुनाथन, एनी मैक्कारेन, मातम एज़ाज़ रसोस, दक्षिणायनी वेलायुधन, दुर्गाबाई देशमुक, हंसा जीवराज मेहता, कमला चौधरी, लीला रॉय, मालती चौधरी, स्वामी पूर्णिमा, राजकुमारी अमृत कौर, रेणुका रे, सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी, विजयलक्ष्मी पंडित।” ये वो 15 महिलाएं है जिन्होंने देश के संविधान निर्माण में सहयोग किया।

ऐसे में मंगलवार को बीकानेर में एक खास प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें संविधान निर्मात्री सभा की इन 15 महिला सदस्यों की फोटो स्टोरी लगाई गई। इस प्रदर्शनी को खासतौर पर देखा राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा, विधायक ताराचंद सारस्वत आदि ने।

दरअसल यह प्रदर्शनी बीकानेर में राष्ट्रीय महिला आयोग और नगर निगम की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘हम भारत की महिलाएं’ का हिस्सा थी। इस मौके पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि अनगिनत देशवासियों के सर्वस्व बलिदान के फलस्वरूप देश को आजादी मिली। इसे लाखों वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए ‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना होगा।

आक्रांताओं ने संस्कृति मिटानी चाही, मिटा नहीं पाये : 

बीकानेर के रवींद्र रंगमंच पर आयोजित ‘हम भारत की महिलाएं’ समारोह में राज्यपाल ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने एक हजार वर्षों तक भारत की संस्कृति को मिटाने के प्रयास किया, लेकिन इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि हमें हमारी संस्कृति पर विश्वास था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ कालखंड में अनेक संस्कृतियां खत्म हो गई, मगर भारत की संस्कृति को कोई खंडित नहीं कर सका।

राज्यपाल ने कहा कि भारत का संविधान हमें एक सूत्र में बांधता है। वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष संविधान दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अखंड भारत की संविधान समिति तथा आजादी के पश्चात गठित संविधान समिति और इसके कार्यों के बारे में बताया। राज्यपाल ने कहा कि संविधान समिति में 15 महिलाएं थीं। इसमें राजस्थान के 15 तथा बीकानेर के दो लोग भी शामिल थे।

रहाटकर ने संविधान निर्माण में योगदान देने वाली महिलाओं को याद किया : 

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि संविधान दिवस पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। हमें ऐसे देश के नागरिक होने का गर्व होना चाहिए, जिसके संविधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि राजस्थान शौर्य और साहस की भूमि है।

उन्होंने गार्गी मैत्रेई से लेकर रानी लक्ष्मी बाई, सावित्री बाई फूले और संविधान निर्माण में योगदान देने वाली महिलाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि हमें लोकतंत्र व संविधान की मजबूती पर गर्व होना चाहिए, जिसमें महिलाओं ने नेतृत्व, नीति निर्माण सामाजिक सुधार में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में महिलाओं की संघर्ष गाथा हमें सिखाती है कि बाधाओं के बावजूद बदलाव संभव है।

गोदारा ने कहा, संविधान दुनिया के लिए मिसाल : 

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बना दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान आज पूरी दुनिया के समक्ष एक मिसाल है। इस संविधान निर्माण में 15 महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा।

जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। जल्दी ही यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। इसमें संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को दिए गए अधिकार का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने स्वागत उद्बोधन दिया। बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी, बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास और श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत बतौर अतिथि मौजूद रहे।

इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार, ममता कुमारी, संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, महानिरीक्षक पुलिस ओमप्रकाश, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर, पूर्व महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित आदि मौजूद रहे।