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कॉमेडियन सुनील पाल, अभिनेता मुश्ताक खान के अपहरण का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड-गिरोह बेनकाब

RNE Network.

मेरठ और बिजनौर में अपहरण के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसने कॉमेडियन सुनील पाल और अभिनेता मुश्ताक खान को फर्जी इवेंट्स के बहाने अगवा किया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मुख्य आरोपी अर्जुन कर्णवाल को गिरफ्तार किया गया, लेकिन हिरासत से भागने की कोशिश में हुए एनकाउंटर में उसके पैर में गोली लगी।


मामला यह है :

सुनील पाल और मुश्ताक खान को गिरोह ने इवेंट के नाम पर फंसाया। सुनील पाल को 2 दिसंबर को हरिद्वार के एक कार्यक्रम में बुलाकर अगवा किया गया। इसी प्रकार, मुश्ताक खान को 20 नवंबर को मेरठ में एक सम्मान समारोह के लिए आमंत्रित किया गया और रास्ते में अपहरण कर लिया गया। गिरोह ने उन्हें बिजनौर के अलग-अलग स्थानों पर बंधक बनाकर रखा। फिरौती के लिए उनके दोस्तों और परिवार से संपर्क किया गया। आरोपियों ने उनकी बैंकिंग और व्यक्तिगत जानकारी का भी उपयोग किया।


छूटने के बाद यह बोले, सुनील पाल :

सुनील पाल ने कहा, “मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरे साथ ऐसा होगा। उन 22 घंटों में मैंने हर पल खुद को बचाने की कोशिश की। अपराधियों ने मुझे जहर का इंजेक्शन देने और मारने की धमकी दी। यह मेरे जीवन का सबसे डरावना अनुभव था।”

भाग निकले मुश्ताक खान :

मुश्ताक खान ने बताया कि बदमाशों ने उन्हें टॉर्चर किया और उनके बैंक खातों से 2 लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए। बदमाश शराब के नशे में थे, जिसकी वजह से उन्हें भागने का मौका मिला।

मास्टरमाइंड लवी पाल :

पुलिस जांच में सामने आया कि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड बिजनौर का रहने वाला लवी पाल है। लवी पाल ने मुंबई में कलाकारों से संबंध बनाकर उन्हें अपने जाल में फंसाना शुरू किया। गिरोह में 9 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से कई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लवी पाल ने एक फर्जी इवेंट कंपनी बनाकर इन घटनाओं को अंजाम दिया। वह इससे पहले पार्षद का चुनाव लड़ चुका है और 2016 में चोरी के आरोप में जेल जा चुका है।

पुलिस कार्रवाई और एनकाउंटर :

शनिवार रात मेरठ पुलिस ने अर्जुन कर्णवाल को गिरफ्तार किया था। रविवार को मेडिकल चेकअप के दौरान वह दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश में पुलिस पर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे गोली मारकर घायल कर दिया।

गिरोह का पर्दाफाश :

पुलिस ने 25 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। गिरोह की कार्यप्रणाली का पता लगाने के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। आरोपियों के पास से किडनैप में इस्तेमाल की गई स्कॉर्पियो, 2 लाख रुपए नकद, और सुनील पाल के नाम से खरीदे गए जेवरात बरामद हुए। एसएसपी विपिन ताडा ने कहा, “यह एक संगठित गिरोह है जो कलाकारों को फर्जी इवेंट्स के बहाने फंसाता था। मुख्य आरोपी लवी पाल के बारे में सुराग मिले हैं, और उसे जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”

दरअसल यह मामला अपराध की नई प्रवृत्ति को उजागर करता है, जहां तकनीकी और व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग किया जा रहा है। पुलिस ने इस गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मास्टरमाइंड लवी पाल अब भी फरार है।