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भाजपा से चौथी बार अर्जुनराम मेघवाल तय, कांग्रेस को अब भी तलाश है उम्मीदवार की

आरएनई, बीकानेर।
भाजपा के लोकसभा चुनाव 2024 के कार्यालय का कल शुभारंभ हो गया। उम्मीदवार कौन है, इसकी अब तक घोषणा नहीं हुई है। इसलिए शुभारंभ के अवसर पर कहा गया कि हमारा उम्मीदवार कमल का फूल है और ये चुनाव कार्यालय भी उसी उम्मीदवार का है। कार्यालय केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने किया और पार्टी के शहर तथा देहात संगठन के पदाधिकारी भी वहां उपस्थित थे। मेयर, पश्चिम विधायक, लोकसभा चुनाव संयोजक सत्यप्रकाश आचार्य सहित वो पूरी पार्टी की टीम मौजूद थी, जो पिछले तीन चुनाव में भी उनके साथ थी। भले ही अर्जुनराम मेघवाल ने ये नहीं कहा कि वे ही इस बार भी उम्मीदवार है, मगर बाकी सब काम ये ही जता रहे थे वे ही उम्मीदवार है।
राजस्थान में 25 में से 10 उम्मीदवार बदलने की बात चल रही है। जिनमें कुछ तो वे सीट है जहां के सांसद अब विधायक बन गये या कुछ विधायक का चुनाव लड़ हार गये हैं। जिन उम्मीदवारों को नहीं बदला जाना है उनमें अर्जुनराम मेघवाल भी शामिल है। इसलिए इस बार का भी लोकसभा चुनाव वे ही लड़ेंगे, ये तय है। लोकसभा चुनाव कार्यालय के साथ विधानसभाओं में भी कार्यालय शुरू करना, इसी बात पर मुहर लगाता है। नहीं तो राजनीति में ये तो संभव ही नहीं कि उम्मीदवार कोई और हो और कार्यालय कोई और खोले। कम से भाजपा कार्यकर्ताओं व आम नागरिकों को भरोसा है कि मेघवाल ही उम्मीदवार होंगे। पिछले चुनाव को उन्होंने 3 लाख से भी अधिक वोटों से जीता था। तब बीकानेर जिले की सात विधानसभा सीटों में से 3 पर ही पार्टी जीती हुई थी। इस बार तो भाजपा ने 7 में से 6 सीटें जीती हुई है।
एक तरफ भाजपा की तरफ से उम्मीदवार तय है वहीं कांग्रेस पांचवीं बार फिर नये उम्मीदवार की तलाश में लगी हुई है। जब भाजपा से धर्मेंद्र चुनाव लड़े तब से ही बीकानेर सीट कांग्रेस हार रही है जबकि उससे पहले यहां कांग्रेस का ही वर्चस्व था। तीन चुनाव तो कांग्रेस अर्जुनराम से ही हारी है। हर बार नया उम्मीदवार उनके सामने रहा और इस बार भी नया होगा, ये तय लगता है। रंधावा, गोविंद डोटासरा व टीकाराम जुली उम्मीदवार की तलाश में बीकानेर के दो दौरे कर चुके हैं पर तलाश पूरी नहीं है अभी। कांग्रेस से पिछला चुनाव भारी अंतर से हारे मदन मेघवाल, पूर्व मंत्री गोविंद मेघवाल और उनकी पुत्री, जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल टिकट मांग रहे हैं। विधानसभा चुनाव में कोलायत से रालोपा टिकट पर चुनाव लड़े रेवंतराम पंवार भी वापस पार्टी में आने की कोशिश में है। रंधावा व डोटासरा से उनकी बात भी हुई है। पार्टी में आकर वे चुनाव लड़ना चाहते हैं।
जब भाजपा से अर्जुनराम मेघवाल ने पहली बार चुनाव लड़ा तब उनके सामने रेवंतराम पंवार ही कांग्रेस के उम्मीदवार थे। अर्जुनराम की सबसे कम 22 हजार मतों से उसी चुनाव में जीत हुई थी। उसी के आधार पर पंवार लड़ना चाहते हैं। मगर तब के अर्जुनराम व आज के अर्जुनराम में बड़ा फर्क है। अब दिल्ली में उनकी बड़ी छवि है और भाजपा में दलित राजनीति का वे बड़ा चेहरा है। भाजपा कुल मिलाकर इस चुनाव में कांग्रेस से 4 कदम आगे है, क्योंकि उसका उम्मीदवार तय है। जबकि कांग्रेस अभी उम्मीदवार तलाश रही है। यदि कांग्रेस दमदार प्रत्याशी नहीं लाई, एकजुट नहीं हुई तो अर्जुन के बढ़ते रथ को रोकना मुश्किल होगा।
मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘