राजस्थानी साहित्य में रामभक्ति काव्य परंपरा पर विशेष व्याख्यान आयोजित
RNE Bikaner.
राजकीय डूंगर महावियालय, बीकानेर के राजस्थानी विभाग द्वारा विस्तार व्याख्यानमाला कार्यक्रम के तहत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन रखा गया। व्याख्यान का विषय ” राजस्थानी साहित्य में रामभक्ति काव्य परंपरा” रखा गया था।
विषय पर अपनी बात रखते हुए मुख्य वक्ता डॉ. मदन सैनी ने कहा कि राजस्थानी साहित्य में रामकथा लिखने की परंपरा तुलसीदासजी से पूर्व की है।
राजस्थानी के कवि मेहोजी गोदारा ने ‘रामचरितमानस’ से पूर्व ही ‘रामायण’ की रचना कर दी थी, जिसमें कथात्मक अंतर मिलता है।राम काव्य परंपरा भारत के प्राण है।भारतीय जीवन की धड़कन है।
कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती की पूजा अर्चना से हुआ।
कार्यक्रम में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन डॉ अन्नाराम शर्मा ने विषय प्रवर्तन किया।
उन्होंने आदिकवि वाल्मीकि से लेकर राजस्थानी भाषा के अनेक कवियों के भक्त्ति काव्य के साथ साथ राजस्थानी भक्ति काव्य परंपरा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि रास्थानी भाषा की सम्पन्नता इस बात में है कि रामकाव्य परंपरा राष्ट्रीय एकता काव्य के रूप में उभरी और जन जन के कंठ का हार बन गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो-राजेन्द्र पुरोहित ने विद्यार्थियों को भगवान राम के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने का आग्रह किया और कहा कि वर्तमान दौर में जीवन को संघर्ष मानकर अपने कर्तव्य से विमुख रहने वालों को राम के पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में विभाग प्रभारी तथा संयोजक डॉ. ब्रजरतन जोशी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विभाग की उपलब्धियां गिनाई।
इस अवसर पर राजस्थानी संस्कृति की परंपरानुसार मुख्य वक्ता डॉ. मदन सैनी को साफा एवं शॉल अर्पण करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई।
इस अवसर पर प्राचार्य महोदय प्रोफेसर राजेंद्र पुरोहित एवं डीन एम जी एस यू,बीकानेर प्रो अन्नाराम शर्मा का भावभीना स्वागत सत्कार किया गया।
राजीव गांधी स्मार्ट कक्ष कमरा संख्या 23 में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभाग सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।छात्र छात्राओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।
गौरतलब है कि इस शैक्षिक सत्र में राजस्थानी विभाग की ओर से आयोजित यह तीसरा बड़ा आयोजन है।
इससे पूर्व राजस्थानी विभाग की ओर से इसी विस्तार व्याख्यानमाला के अंतर्गत प्रो एम एम रंगा का व्याख्यान एवं इसी सत्र के राजस्थानी एम ए प्री के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति वितरण समारोह भी आयोजित किया गया।यह इस सत्र का तीसरा विशेष व्याख्यान है,जो विस्तार व्याख्यानमाला के तहत आयोजित हुआ है।
कार्यक्रम का संचालन जागती जोत के संपादक तथा विभाग के डाॅ नमामीशंकर आचार्य ने किया और सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।