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कांग्रेस की उपस्थिति से असहज हैं केजरीवाल, भाजपा करो या मरो की नीति पर

  • कांग्रेस की उपस्थिति से असहज हैं केजरीवाल
  • भाजपा करो या मरो की नीति पर
  • ओवैसी की उपस्थिति भी दमदार

अभिषेक आचार्य

RNE Bikaner

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए कल मतदान होना है। जिसके लिए सभी उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आप लगातार तीसरा चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती तो भाजपा भी लगातार गम्भीरता से चुनाव लड़ हार रही बाजी को इस बार जीतने के लिए करो या मरो की नीति पर है।

कांग्रेस को आप के व्यवहार से झटका लगा था और 10 साल से विधानसभा में सदस्य न होने का मलाल उसे उग्र कर गया। वो भी दमखम से चुनावी समर में उतरी हुई है। राहुल और प्रियंका ने भी पूरी शक्ति लगाई है। तो इस बार दो मुस्लिम बहुल सीटों पर ओवैसी ने भी धुनि रमा रखी है। इस तरह हर सीट पर कांटे का मुकाबला साफ दिख रहा है।

आप फ्री के फार्मूले पर:

आम आदमी पार्टी ने अनेक फ्री की योजनाएं घोषित कर हर वर्ग को लुभाने का प्रयास किया है। वहीं वो भाजपा व कांग्रेस की नाकामियों पर जमकर प्रहार कर रही है। उसे उन विधायकों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनके टिकट कटे है।

आप के पक्ष में बातें:

  1. 10 साल की सरकार के कामकाज।
  2. फ्री बिजली, पानी व महिलाओं की यात्रा का असर
  3. सॉफ्ट हिंदूवादी निर्णय
  4. निम्न व मध्यम निम्न वर्ग पर पकड़

आप की कमियां:

  1. 10 साल की सरकार की एन्टीनकम्बेंसी
  2. मुस्लिम, दलित वोट बैंक पर कांग्रेस का धावा
  3. आबकारी घोटाले से नेताओं की छवि बिगड़ी
  4. कांग्रेस के केजरीवाल पर प्रहार

भाजपा के पक्ष में बातें:

  1. पार्टी का आक्रामक प्रचार व नेताओं की फौज
  2. इस बार फ्री की घोषणाओं पर भी जोर
  3. मोदी का चुनाव में सीधा दखल
  4. कांग्रेस की उपस्थिति से आप के वोट कटने का लाभ

भाजपा के विपक्ष में:

  1. नेताओं के बिगड़े बोल और आपसी टकराहट
  2. तोड़फोड़ की राजनीति करने की छवि
  3. केंद्र सरकार की विफलताओं से नुकसान। बेरोजगारी, किसान, महंगाई आदि।
  4. दलित वोटरों की नाराजगी

कांग्रेस के पक्ष में बातें:

  1. दलित, मुस्लिम वोट बैंक का साथ
  2. परंपरागत सीटों पर मेहनत
  3. पूरे दमखम से चुनावी मैदान में
  4. राहुल, प्रियंका की सक्रियता

कांग्रेस के विपक्ष में:

  1. संगठन के स्तर पर 10 साल से बिखराव
  2. इंडिया के सहयोगियों का साथ नहीं
  3. ओवैसी का मुस्लिम मतों पर धावा
  4. चुनाव बिखरा हुआ

वोटर जिन मुद्धों पर सोच रहा:

  1. केजरीवाल के शासन से मिले लाभ
  2. केंद्र सरकार के आप पर प्रहार
  3. आबकारी घोटाला

शीशमहल बनाम राजमहल:

  1. यमुना का पानी
  2. फ्री के सब द्वारा किये गए वादे
  3. 10 साल की आप सरकार के काम