
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े बोले, एक माह ‘नो एक्सीडेंट मंथ’ के रूप में मनाया जाए
- इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी और पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला
- एक माह ‘नो एक्सीडेंट मंथ’ के रूप में मनाया जाए : राज्यपाल
RNE Bikaner.
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण हेतु प्रभावी वातावरण बने। इसके लिए वाहन चालकों को शिक्षित, प्रशिक्षित करने के साथ वाहन मालिको के लिए आर्थिक दंड देने और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने एक माह “नो एक्सिडेंट मंथ” के रूप में मनाने का आह्वान किया।
राज्यपाल बागडे सोमवार को बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा कार्यशाला के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा संवेदनशील विषय है। आमजन को यातायात नियमों की पालना के मार्गदर्शन के साथ सुरक्षित यात्रा के लिए निरंतर जागरूक किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आगामी एक माह को ‘नो एक्सीडेंट मंथ’ के रूप में मनाया जाए। इसके लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं। उन्होंने वाहन चालकों को नशामुक्त करने किए भी कार्य करने पर जोर दिया। राज्यपाल ने इस दौरान सड़क सुरक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली नौ प्रतिभाओं का सम्मान किया। राज्यपाल ने सड़क सुरक्षा पर आधारित पुस्तक ‘सड़क सुरक्षा की स्वर लहरिया’ का विमोचन भी किया। इस दौरान राज्यपाल ने वाहन दुर्घटनाओं में घायलों का सहायता के लिए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
राज्यपाल ने इनका किया सम्मान :
कार्यक्रम में राज्यपाल बागडे ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनिल पांडिया, जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक हरि शंकर आचार्य, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष ऑर्थोपेडिक्स विभाग डॉ बी. एल. खजोटिया, बीकानेर पुलिस के निरीक्षक नरेश निर्वाण, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. सी.एस. मोदी,
सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार वर्मा, बीएसएफ हेड कांस्टेबल व्हीकल मैकेनिक राजकुमार, श्रीगंगानगर यातायात पुलिस के कांस्टेबल राकेश कुमार एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीराम मंडा जो सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को चिकित्सा सेवा मुहैया करवाकर जीवन रक्षा के लिए समर्पित हैं, को स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।