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अंशुमानसिंह भाटी बोले, 53 करोड़ खनन राजस्व में 62.88 प्रतिशत कोलायत ने दिया, DMFT का 31 प्रतिशत पैसा ही मिला!

राहुल हर्ष

RNE Kolayat.

कोलायत के विधायक अंशुमानसिंह भाटी ने इस बात पर ऐतराज जताया है कि खनन से होने वाली परेशानियां कोलायत की जनता भुगत रही है लेकिन इसके बदले मिलने वाले डीएमएफटी फंड का ऐसी जगहों पर उपयोग हो रहा है जहां दूर-दूर तक खनन का नामोंनिशान नहीं है। विधायक भाटी मंगलवार को विधानसभा में नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख के दौरान अपनी बात रख रहे थे।

भाटी ने DMFT के ये नियम बताये :

विधायक अंशुमानसिंह भाटी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) से जुड़े नियम बताये। कहा, भारत सरकार के खान मंत्रालय ने 15 जनवरी 2024 को डीएमएफटी के नये नियम लागू करने के दिशा-निर्देश दिये हैं।

इसके मुताबिक डीएमएफटी निधि की न्यूनतम 70 प्रतिशत राशि खदानों की सीमा से 15 किमी तक खनन से प्रत्यक्ष प्रभावित होने वाले इलाके और लोगों के कल्याण पर खर्च करनी है। इससे आगे 25 किमी तक की सीमा मंे 30 फीसदी राशि खर्च की जा सकती है। इतना ही नहीं खर्च की जाने वाली राशि का 70 प्रतिशत हिस्सा पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा, स्वच्छता जैसे उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों मंे उपयोग किया जाना है।

कोलायत के साथ हो रहा भेदभाव :

भाटी के वक्तव्य के मुताबिक कोलायत बीकानेर जिले का ऐसा खनिज केन्द्र है जहां खनन के माध्यम से सरकार को सर्वाधिक सालाना करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है। उन्होंने बताया वर्ष 2021 से अक्टूबर 2023 तक कुल प्राप्त डीएमएफटी लगभग 53 करोड़ रही। इसमें से 62.88 प्रतिशत योगदान कोलायत क्षेत्र का रहा। इससे इतर डीएमएफटी की 31.6 प्रतिशत राशि की कोलायत विधानसभा क्षेत्र को दी गई। इससे उतर उन इलाकों को डीएमएफटी का पैसा दिया जा रहा है जहां किसी तरह का कोई खनन नहीं हो रहा।

भाटी बोले, इस क्षेत्र की सड़कें टूटी, ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर असर पड़ा, धुआं, प्रदूषण, शोर-शराबा इस इलाके के लोग सहन कर रहे हैं। इस प्रभावित इलाके और यहां के लोगों की भलाई के लिए अधिकतम फंड का उपयोग होना चाहिये।