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काउंटर ट्रेंडिंग : ‘आई लव यू लालूजी’, ‘राहुल के परिवार’ में न्याय यात्रा की तस्वीर

आरएनई, नेटवर्क।

देश पर लोकसभा की चुनावी रंगत चढ़ने लगी है और जैसा कि हर बार भारतीय चुनाव में कोई न कोई गैर जरूरी मुद्दा सबसे ज्यादा हावी होता है वैसी ही शुरूआत इस बार भी हो चुकी है। अभी खाता खुला है ‘परिवारबाजी’ से। दरअसल परिवारवाद भाजपा का मुद्दा है। इस पर लालू यादव ने पटना के गांधी मैदान में उमड़ी भीड़ के बीच अपने अंदाज में ‘मोदी के परिवार’ पर सवाल खड़ा कर दिया।

बातों को भुनाने और उन्हें मोड़कर अपने पक्ष में करने में माहिर मोदी ने तेलंगाना में इसका जवाबी तीर चलाया ‘पूरा देश मेरा परिवार’। भाजपा को मंत्र मिल गया और सोशल मीडिया पर हर भाजपा नेता ने अपनी प्रोफाइल में लिख दिया, ‘मैं हूं मोदी का परिवार’। देशभर के लाखों ‘एक्स’ हैंडल से लेकर फेसबुक सहित सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं ने यह कमेंट लिख लिया। देशभर में सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाला यह वाक्य बन गया।

हैशटैग : ‘मोदी का असली परिवार’ : 

विपक्ष और मोदी विरोधियों ने इसके प्रतिकार में ‘मोदी का असली परिवार’ का तीर छोड़ दिया। इसके लिए बाकायदा पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किये जा रहे हैं। इस पोस्टर के बीचोबीच मोदी का चेहरा रखकर लिखा गया मोदी का असली परिवार। इसमें ‘लुटेरे’ ‘बलात्कारी’ ‘दंगई’ और ‘हत्यारे’ चार कैटेगरी शामिल की गई है। प्रत्येक कैटेगरी में चार-चार यानी कुल 16 फोटो इस पर लगाये गए हैं। इन फोटोज में अडानी, विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, बृजभूषणसिंह, चिन्मयानंद, रामदुलारे, कुलदीप सेंगर, अजय मिश्रा टेनी, संजीव बाल्यान, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा आदि के नाम-फोटो लगे हैं। इतना ही नहीं ‘हैशटैग मोदी का असली परिवार’ के साथ अलीगढ सांसद के आपत्तिजनक फोटो भी वायरल हो रहे हैं जिन्हें वे फेक बता चुके हैं।

…इधर ‘आई लव यू लालूजी’ :

दूसरी ओर इस पूरी ‘सोशल मीडिया परिवारबाजी’ को लालू यादव के जिस बयान ने हवा दी उन्हीं लालू यादव के लिए भी एक हैशटैग चल निकला है ‘आई लव यू लालूजी’। इसके साथ ही रथयात्रा के समय आडवाणी को गिरफ्तार करने के निर्णय पर दिये गए भाषण भी फिर से वायरल हो रहे हैं।

चूंकि बात राहुल के परिवार से शरू हुई….

इन सबके बीच कुछ पोस्ट में ‘राहुल का परिवार’ भी दिख रहा है। चूंकि बात राहुल के परिवार पर बात करते हुए परिवारवाद से हो रही है ऐसे में उनके समर्थक ‘भारत जोड़ो’ और ‘न्याय यात्रा-2’ के दृश्यों को पोस्टर के जरिये वायरल करने में जुटे हैं। गरीब-मजदूर से गले मिलते राहुल के फोटो के साथ लिख रहे हैं ‘ये है राहुल का परिवार’। बताया जा रहा है, राहुल देश को परिवार मानते है। परिवार को तोड़ने की साजिशें विफल करने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे हैं।

मुद्दा यह है कि कोई मुद्दा नहीं है :

इन सबके बीच यह कहना पड़ेगा कि सरकार की ओर से बताने के लिए विकास, कश्मीर, 2047 का रोडमैप, धार्मिक, आर्थिक मुद्दे हैं। बात विकास पर हो रही है। भले ही चुनाव 2047 के संकल्पों पर लड़े जा रहे हो लेकिन भारत के चुनावी मैदान में एक बार फिर ऐसे ही मुद्दे हावी रहेंगे।  पहले के चुनावों में ‘हनुमानजी की जाति’ तक सवाल होने लगे थे। लोकतंत्र के उत्सव में इन मु्द्दों की आमद शुरू हो चुकी है। राजनीतिक फायदे के लिए फैलाई जा रही व्यक्तिगत आक्षेपों की खटास लोगों को जितना उद्वेलित करेगी वोटों का ध्रुवीकरण उतना ही तेजी से होगा। उम्मीद है कि समझदार भारतीय मतदाता इन वोट बटोरू फार्मूलों में पड़कर व्यक्तिगत-सामाजिक विद्वेष नहीं पालेंगे।