
श्रीकृष्ण जन्म और मयूर नृत्य की भव्य प्रस्तुति, श्रद्धालु हुए आनंदित
RNE Bikaner.
मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है।
ये विचार करपात्री स्वामी निरंजन देव तीर्थ कीर्ति प्रन्यास,राम लक्ष्मण भजनाश्रम के अधिष्ठाता दंडी स्वामी श्रीधरानंद जी सरस्वती ने दूसरे दिन कथा वाचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा भागवत कथा सुनने वालों का सदैव कल्याण होता है। मनुष्य जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति है लेकिन मनुष्य भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। श्री धर जी महाराज ने कहा भागवत कथा श्रवण मात्र से पाप से मुक्ति मिलती है। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है।जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है।
पप्पू काका ने बताया रासलीला के प्रथम दिन कलाकारों ने श्रीकृष्ण के जन्म का सजीव मंचन किया। जिसको देखकर श्रद्धालु हर्षित हो उठे। वृंदावन से आए कलाकारों की सुंदर प्रस्तुति ने माहौल को आनंदित बनाए रखा। श्रीकृष्ण जन्म के अलावा कलाकारों ने श्री कृष्ण मयूर नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई।