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हर्षों-व्यासों का पानी खेल : तीन घंटे पूरी घाटी में पानी की जंग, जमकर गालियां निकाली, गुलाल उड़ा लड़ाई खत्म की!!

RNE Bikaner.

अपने खास अंदाज के लिए पहचानी जाने वाली बीकानेरी होली में की मस्ती अब पूरी तरह परवान पर है और इसमें होली के सबसे बड़े मस्तीभरे आयोजनों में से एक पानी के डोलची मार खेल में सैकड़ों लोगों ने योद्धाओं की तरह भाग लिया।

चमड़े से बनी डोलचियों में पानी भर एक-दूसरे की पीठ पर पूरी ताकत से ‘जलवार’ किया है। हमले इतने तेज थे कि बीसियों लोगों की पीठ लाल हो गई लेकिन चेहरों पर शिकन नहीं आई।

लगभग तीन घंटे तक हर्षों के चौक से मूंधड़ों के नुक्कड़ तक पूरी घाटी में चले इस पानी के खेल का समापन गुलाल उड़ाकर किया गया। इस दौरान जमकर उद्घोष लगे और गालियां भी कही गई। ये गालियां हर्ष-व्यास दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को निकाली लेकिन कहीं, किसी का संयम नहीं टूटा। दोनों पक्षों ने हंसते-हंसते हुए एक-दूसरे को गले लगाया।

दरअसल बीकानेर में हर्षों-व्यासों के बीच पानी का डोलची मार खेलने की लंबी परंपरा है और शहरी होली के सबसे प्रमुख इवेंट के रूप में जाने जाना जाता है। दोनों जातियों के सैकड़ों बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस खेल में शामिल होते हैं।

कई परिवार की चार-पांच पीढ़ियां एक साथ मैदान में होती हैं। हालांकि जलजंग के साथ ही एक-दूसरे की हार और तीज के उद्घोष लगते हैं लेकिन जमीनी बात यह है कि इसमें न कोई हारता है न जीतता है। अलबत्ता हर साल स्नेह और अधिक समृद्ध होता जाता है।