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कांग्रेस राजस्थान में भी करेगी गठबंधन, बाप व रालोपा से चल रही बात, आलाकमान करेगा निर्णय

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने उत्तर व पूर्वोत्तर भारत के लिए अलग से रणनीति बनाई है। इन क्षेत्रों में वो त्याग का सहारा लेकर भाजपा को शिकस्त देने की रणनीति पर काम कर रही है। इसी वजह से कई राज्यों में कम सीटें मिलने पर भी वह गठबंधन कर रही है। जैसे दिल्ली में उसे 7 में से 3 व उत्तर प्रदेश में 80 में से केवल 17 सीटें मिली है, फिर भी वो तैयार है। उसका पहला ध्येय भाजपा को हराना है।


अब यही फार्मूला कांग्रेस राजस्थान में भी अपना रही है। अब तक तो वो हमेशा सभी 25 सीटों पर चुनाव लड़ती आयी है मगर इस बार उसने गठबंधन का विकल्प खोला है। आदिवासी बेल्ट उदयपुर, बांसवाड़ा, भरतपुर, टोंक आदि सीटों पर आदिवासी वोट है। आदिवासियों की पार्टी बाप ने विधानसभा का चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा और अच्छे वोट लिए। सीटें भी जीती है।

आदिवासी बेल्ट यानी पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस भाजपा को हराने के लिए बाप से समझौते का प्रयास कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बात भी लगभग तय हो गई है और केवल आलाकमान की मुहर लगनी है। बांसवाड़ा और उदयपुर में से सीट बाप को छोड़ी जा सकती है और पूर्वी राजस्थान में उससे मदद ली जा सकती है।


ठीक इसी तरह पश्चिमी राजस्थान में जाट बेल्ट है और उसके एक बड़े वोट बैंक पर हनुमान बेनीवाल की रालोपा की पकड़ है। इस बेल्ट के लिए कांग्रेस की गठबंधन बात भी उनसे चल रही है। रालोपा पिछली बार भाजपा के साथ थी और उसे रालोपा से जुड़ने का लाभ भी मिला था। कांग्रेस की इस क्षेत्र में स्थिति अच्छी है और उसे रालोपा का साथ मिलता है तो बेहतर स्थिति बन जायेगी। अब रालोपा को एक सीट छोड़नी है या दो, इस पर निर्णय होना बाकी है।


मगर कुल मिलाकर लगता है कि राजस्थान में भी कांग्रेस गठबंधन की राह पर चलेगी। इस तरह के संकेत कल कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भाग लेने गये नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली ने भी दिए हैं। यदि ये गठबंधन होता है तो भाजपा के लिए परेशानी तो खड़ी होगी।

— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘