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कैंसर के 73 प्रतिशत मरीजों पर सीएआर टी – सेल थेरेपी रही कारगर, भारत में विश्व स्तरीय इनोवेशन, ट्रीटमेंट को 2023 में मिली थी मंजूरी

RNE Network

कैंसर के इलाज के लिए भारत में दो साल पहले सीएआर टी – सेल थेरेपी शुरू की गई थी। लैसेट जर्नल में छपे शोध के मुताबिक भारत में यह थेरेपी 73 प्रतिशत मरीजों पर कारगर साबित हुई है।यह विश्व स्तरीय इनोवेशन है। इसे विश्व स्तर पर अन्य उपचारों के बराबर पाया गया, जबकि इसकी लागत दूसरे उपचारों के मुकाबले बीस गुना कम है। कैंसर के इस ट्रीटमेंट को भारत के औषधि नियामक ने 2023 में मंजूरी दी थी। यह थेरेपी कई असप्तालों में उपलब्ध है। सीएआर ( चिरेमिक एंटीजन रिसेप्टर ) टी – सेल थेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और नष्ट करने के लिए तैयार रहती है।दूसरों से सस्ती:

अत्याधुनिक कैंसर ट्रीटमेंट अमरीका, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इजराइल, स्विट्जलैंड, ब्राजील, कनाडा और चीन में उपलब्ध है। यह काफी महंगा ( 25 लाख रुपये तक ) है। इसके मुकाबले सीआरए टी – सेल थेरेपी पर कम खर्च ( करीब 1.25 लाख ) होता है।ये साइडइफेक्ट मिले:

इस थेरेपी के बाद 61 प्रतिशत मरीजों में एनीमिया, 65 प्रतिशत में थ्रोम्बोसाइटोपीनिया ( कम प्लेटलेट काउंट से रक्त स्त्राव का खतरा बढ़ना ) , 96 प्रतिशत में न्यूट्रोपेनिया ( वाइट ब्लड सेल घटना ) और 47 प्रतिशत मरीजों में फेब्राइल न्यूट्रोपेनिया जैसे साइड इफेक्ट पाए गए।