
Deshnok : ऊंट गाड़ा दौड़ाने से युवक की मौत के 08 साल पुराने मामले में 05 साल की सजा
RNE Bikaner.
बार- बार मना करने पर भी गांव की गली में से ऊंटगाड़ा दौड़ाते हुए ले जाते रहे और आखिरकार एक दिन गाड़े के नीचे दबने से एक युवक की मौत हो गई। कोर्ट ने इसे गैर इरादतन हत्या मानते हुए 080साल पुराने मामले में आरोपी को 05 साल की सजा सुनाई है।अपर सेशन न्यायाधीश संख्या चार ने पांच साल की सजा सुनाते हुए पंद्रह हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
मामला यह है :
मामला बीकानेर जिले के देशनोक थाना क्षेत्र का है। देशनोक थाने में भंवरलाल की ओर से एफआईआर दी गई कि ओमप्रकाश, मगाराम व बाबूलाल उसके व उसके भाई भगाराम के घर के आगे से ऊंट गाड़ को दौड़ाकर ले जाते थे। इसके लिए इनको कई बार मना किया गया। 3 मई 2017 को भंवरलाल व भगाराम अपने घर के आगे खड़े थे। इस दौरान ऊंट गाड़ा दौड़ता हुआ आया और भगाराम को अपनी चपेट में ले लिया। भगाराम को घायल अवस्था में पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
कोर्ट ने ये सजा सुनाई :
कोर्ट ने आरोपी ओम प्रकाश और मघाराम दोनों को ही दोषी मानते हुए सजा दी है। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत पांच वर्ष का साधारण कारावास दिया गया है। वहीं अर्थदंड के रूप में पंद्रह हजार रुपए देने के आदेश दिए हैं। दोनों आरोपी फिलहाल जमानत पर है। अदालत ने इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेने के आदेश दिए हैं। इस मामले में राज्य की ओर से धीरज चौधरी अपर लोक अभियोजक और परिवादी की ओर से भंवर जनागल ने पैरवी की।