
सचिन ने सीएम फेस पर बयान देकर मामले को उलझा दिया, पप्पू यादव, कन्हैया पर कांग्रेस का बड़ा दाव, तेजस्वी को उलझाया
- महागठबंधन के साथ लोजपा ( रामविलास पासवान )
अभिषेक आचार्य
RNE Special.
बिहार विधानसभा चुनाव में अब 6 महीनें से भी कम समय रह गया है। इस कारण वहां सभी राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछाकर मोहरे भी चलने शुरू कर दिए हैं। इस राज्य में दो गठबंधनों के मध्य मुख्य चुनावी मुकाबला है, अन्य छोटे दल उनकी गणित को बिगाड़ने का काम करेंगे।पहला सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए है। जिसकी सरकार अभी जेडीयू के नीतीश कुमार की अवुवाई में चल रही है। इस गठबन्धन में भाजपा, जेडीयू, चिराग, जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा है। इस गठबंधन को लोजपा ( रामविलास पासवान ) ने छोड़ दिया है। जिसके नेता पासवान के भाई पशुपति पारस है।
दूसरा गठबन्धन है विपक्ष का महागठबंधन। इसमें कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल शामिल है। इस गठबन्धन ने तेजस्वी यादव के नेतृत्त्व में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मगर चुनाव को लेकर कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी ज्यादा गंभीर है। वे बड़ी सफलता के लिए बहुत पहले सक्रिय हो गए थे।
राहुल ने कांग्रेस रथ के 7 सारथी चुने है और उनको बिहार के रण में उतार दिया है। उनकी चुनावी रणनीति इस बार थोड़ी हटकर है और वे खुद भी लगातार बिहार का दौरा करते जा रहे हैं।
पहला सारथी : कृष्णा अल्लवरुकृष्णा को राहुल ने कुछ समय पहले ही बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाया है। दक्षिण से आने वाले कृष्णा चुनावी रणनीति के बड़े खिलाड़ी हैं। उनकी रणनीति से बिहार में कांग्रेस चलेगी और चुनाव भी लड़ेगी। वे बिहार में डेरा डाल चुके हैं।
दूसरा सारथी :: राजेश कुमारराहुल के दूसरे सारथी बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष राजेश कुमार है। वे और उनके पिता कांग्रेस से लगातार विधायक है। उनको अवधेश सिंह की जगह हाल ही में अध्यक्ष बनाया गया है। इनके जरिए राहुल महादलित वोट साधने के प्रयास में है।
तीसरे सारथी :: कन्हैया कुमारबिहार के ही फायर ब्रांड नेता कन्हैया कुमार को इस बार राहुल ने मैदान में उतारा है। वे पलायन रोको, नोकरी दो पदयात्रा पूरी कर चुके हैं। जिससे युवा बड़ी संख्या में जुड़े। कन्हैया भी बिहार में ही डेरा डाले हुए हैं।
चौथे सारथी :: पप्पू यादव
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव इस समय राहुल व प्रियंका के सबसे विश्वसनीय है। इस कारण उनको निर्दलीय होते हुए भी कांग्रेस के अहमदाबाद राष्ट्रीय अधिवेशन में बुलाया गया। इस बाहुबली नेता के बेबाक बयान बड़ी राजनीतिक उथल पुथल मचाते है।
पांचवें सारथी :: अनिल जयहिंदराहुल गांधी ने बिहार के इस तेजतर्रार ओबीसी नेता को कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। उनकी यह नियुक्ति बिहार चुनाव के कारण ही हुई है। इनके जरिए राहुल बिहार के ओबीसी वोट बैंक को साधेंगे।
छठा सारथी :: सचिन पायलट
राहुल और प्रियंका के सबसे अधिक भरोसे के महासचिव व राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी राहुल ने बिहार में उतारा है। पलायन रोको, नोकरी दो पदयात्रा के समापन पर सचिन उसमें शामिल हुए और गर्दा उड़ा दिया। कन्हैया व पप्पू यादव के साथ वे बिहार में जमीनी मोर्चा संभालेंगे। सचिन युवाओं में बहुत लोकप्रिय है।सातवां सारथी :: प्रियंका गुप्ता
कांग्रेस व राहुल की बेहद भरोसे की सोशल मीडिया का काम देखने वाली उत्तर प्रदेश की प्रियंका गुप्ता को भी राहुल ने बिहार में उतारा है। इससे पहले वे वायनाड व केरल सहित कई जगह कांग्रेस के लिए काम कर चुकी है। बिहार में वे सोशल मीडिया व मीडिया के प्रबंधन का काम देखेंगी।
पशुपति होंगे महागठबंधन के साथ:
एनडीए से अलग हुए रामविलास। पासवान के भाई पशुपति पारस महागठबंधन के साथ आएंगे। लालू यादव से लंबी बात के बाद ही उन्होंने एनडीए छोड़ा है।
कन्हैया, पप्पू पर बड़ा दाव:
राहुल और कांग्रेस ने कन्हैया कुमार व पप्पू यादव पर बड़ा दाव लगाया है। ये दोनों नेता युवाओं व गरीबों में लोकप्रिय है और बेबाक बोलते हैं। कांग्रेस ने बड़ी रणनीति के साथ बिहार चुनाव की तैयारी इस बार की है।