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मर्जी से शादी करने वालों को कोर्ट की दो टूक, शादी की है तो समाज का सामना भी करें

RNE Network.

भारतीय समाज मे परिवर्तन आया है और कई कपल अब घरवालों की मर्जी के खिलाफ भी स्वयं निर्णय कर शादी कर लेते हैं। फिर वे पुलिस सुरक्षा चाहते हैं और इसे अपना अधिकार मानते हैं।इस विषय में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक फैसला आया है। इस तरह के एक मामले में हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई युवक – युवती या अन्य अपने माता – पिता की मर्जी के खिलाफ शादी करते हैं तो वह पुलिस सुरक्षा को अपना अधिकार नहीं मान सकते।कोर्ट ने कहा है कि जब तक जोड़े की जान या आजादी को कोई असली खतरा न हो, तब तक सुरक्षा नहीं दी जा सकती। यह बात जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने कही है। याचिका श्रेया केसरवानी और उनके पति ने दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओ को कोई खतरा नहीं है।