
विस्मृति पर सामान्य व्यक्ति नहीं लिख सकता : अर्जुनदेव चारण
RNE, BIKANER .
साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राजस्थानी भाषा समन्वयक और देश के विख्यात साहित्यकार अर्जुनदेव चारण ने कहा कि समाज के कई अनछुए पहलूओं पर लेखन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विस्मृति जैसे विषय पर बहुत कम लोग लिख रहे हैं, इस विषय पर लिखना आसान नहीं है। गिरिराज व्यास “चूरूवाला” की पुस्तक लोकार्पण समारोह में चारण ने ये बात कही।
अंत्योदय नगर स्थित रमेश इंग्लिश स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े विषय पर लिखने से पहले चिंतन और अध्ययन दोनों करने चाहिए। ये कठिन विषय है और इन पर पूरी जिम्मेदारी से लिखना होता है। वेद से जुड़े विस्मृति के कई अंश पर चारण ने प्रकाश डाला। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य “आशावादी” ने कहा कि व्यास ने बहुत गहनता से अध्ययन के बाद इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया है।
उन्होंने ऐसी पुस्तकों पर आलोचनात्मक व्याख्यान की आवश्यकता जताई। इस पर लेखक व्यास ने कहा कि जल्द ही बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकों को पुस्तक उपलब्ध कराने के बाद इस पर चर्चा कराई जाएगी।
जोधपुर विश्वविद्यालय के राजस्थानी भाषा विभाग के अध्यक्ष गजे सिंह को भी इस मौके पर पुस्तक उपलब्ध कराई गई। इससे पहले महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय के लेक्चरर डॉ. श्रीकांत व्यास ने पुस्तक के बारे में जानकारी दी। रमेश इंग्लिश स्कूल प्रिंसिपल सेनुका हर्ष ने आभार जताया। संचालन संजय पुरोहित ने किया।