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SAHITYA AKADEMI : नवतेज सरना ने साझा किया अपना लेखकीय जीवन

  • यात्राओं से लेखन बहुत समृद्ध हुआ – नवतेज सरना

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22 अप्रैल 2025; साहित्य अकादेमी ने अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘लेखक से भेंट’ में कल प्रख्यात अंग्रेजी लेखक एवं पूर्व राजनयिक नवतेज सरना को आमंत्रित किया। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने सृजनात्मक जीवन के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यात्राओं से उनका लेखन बहुत समृद्ध हुआ है। सामान्यतः कथा साहित्य व्यक्तियों के मूल स्वभाव से ही उपजता है लेकिन उसको लिखने का हुनर ही उसे पठनीय और महत्त्वपूर्ण बनाता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राजनयिक अच्छे लेखक होते हैं।

आगे उन्होंने अपने लेखन का श्रेय अपने माता-पिता और उनकी पुस्तकों को दिया जो उन्हें निरंतर घर में उपलब्ध थीं। उन्होंने लेखन की शुरुआत कॉलेज मैगजीन और अख़बारों में लिखकर की। उन्होंने बताया कि उनका पहला लेख ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के रविवारीय परिशिष्ट में छपा था जो कॉफी हाउस के कल्चर पर लिखा गया था और जिसके लिए उन्हें 1970 में 150 रुपए का मानदेय प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि विदेश सेवा में रहते हुए उन्होंने पॉलिटिक्स और पॉलिसी से अलग कहानियाँ लिखना शुरू किया।

इसीलिए उनका लेखन उनके उस व्यक्तित्व से बिल्कुल अलग रहा। प्रकाशकों के उपन्यास लिखने के निरंतर दवाब में उन्होंने उपन्यास लिखना आरंभ किया। अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘द एक्ज़ाइल’ के बारे में बताते हुए कहा कि यह महाराज दलीप सिंह पर केंद्रित है तथा इसके लिए उन्होंने लाहौर की छह से ज्यादा और पेरिस की भी यात्राएँ कीं। जिनसे उनके व्यक्तित्व को समझने में बहुत मदद मिली। उन्होंने अपनी अनूदित पुस्तकों की चर्चा भी की। कार्यक्रम के अंत उन्होंने श्रोताओं के सवालों के उत्तर भी दिए।

कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने नवतेज सरना एवं मालाश्री लाल का स्वागत अंगवस्त्रम् और पुस्तकें भेंट करके किया तथा अकादेमी के सचिव ने अपना स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बड़ी मात्रा में लेखक, राजनयिक, प्रकाशक तथा पत्रकार उपस्थित थे।