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Zap-X : ना दर्द, ना साइड इफैक्ट, सीधे ब्रेन ट्यूमर पर वार

RNE , NATIONAL BUREAU

दक्षिण एशिया में पहली बार भारत में अपोलो हॉस्पिटल्स ने ‘जैप एक्स’ तकनीक को लॉन्च किया है। एक ऐसी तकनीक जिससे सिर्फ 30 मिनट में ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है।


इस अत्याधुनिक तकनीक से चंद मिनटों के सेशन में मरीज को इस प्रक्रिया के तहत न कोई दर्द और न किसी तरह का दुष्प्रभाव होने वाला है. जैप एक्स नाम की ये तकनीक सीधे तौर पर ट्यूमर को तोड़ने का काम करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये तकनीक आने वाले दिनों में ब्रेन ट्यूमर के इलाज में बड़ा बदलाव लाएगी।

तंत्रिकाओं को कोई नुकसान नहीं

ये तकनीक सीधे ट्यूमर पर विकिरण को सटीक रूप से केंद्रित करती है. मस्तिष्क स्टेम, आंखों और ऑप्टिक तंत्रिकाओं का विकिरण से बचाव भी करती है. डॉक्टरों के मुताबिक, ये तकनीक प्राथमिक और मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर, आर्टेरियोवेनस मैलफॉर्मेशन (एवीएम), ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, पार्किंसंस रोग, मिर्गी और अन्य इंट्राकैनियल घावों जैसे मेनिंगियोमास, ध्वनिक न्यूरोमास और पिट्यूटरी एडेनोमास जैसे विकारों के इलाज में सक्षम है।

सर्जिकल हस्तक्षेप की जरूरत नहीं

10 वर्षों में 95% से अधिक प्रभावी जैप-एक्स तकनीक में कुछ मस्तिष्क ट्यूमर के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है. ये दर्द रहित और कम उपचार अवधि के लिए फ्रेमलेस, पिनपॉइंट सटीकता और वास्तविक समय छवि मार्गदर्शन प्रदान करता है. साथ ही मरीजों की सुरक्षा को भी बढ़ाता है. इस तकनीक ने कम से कम दुष्प्रभावों के साथ प्रभावी नियंत्रण और सुरक्षा के लिए बीते 10 वर्षों में 95% से अधिक नियंत्रण दर प्राप्त की है. साथ ही छोटे ट्यूमर के मामलों में बीते पांच साल में असाधारण 99.4% नियंत्रण दर हासिल की है।