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सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं

 
एन.एल.कड़ेल, मूंडवा आरएनई, नागौर। आमतौर पर शादी वाले घरों में जब किन्नर आते हैं तो वे हाथों का उपयोग तालियां बजाकर बधाई बटोरने में करते हैं लेकिन राजस्थान में एक किन्नर शादी में दोनों हाथों से बधाइयां बांटती नजर आईं। सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं इतना ही नहीं इस किन्नर ने शादी के परिवार से अपना रिश्ता इस खास अंदाज में निभाया कि देखते ही देखते हर ओर उसकी चर्चा होने लगी। सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं हम बात कर रहे हैं नागौर जिले के मूंडवा कस्बे में प्रतापत परिवार की शादी की। यहां परिवार मंे तीन बेटियों की शादी थी। बेटियों की मां को किन्नर सपना ने अपनी धर्मबहिन बनाया था। सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं सपना ने इस रिश्ते को भाई बनकर निभाने की ठानी और कपड़ों से भरे गठ्ठर, गहनों से सजी थाली और नोटों से भरा पर्स लेकर ‘बीरा रमक-झमक हुय आइजो ..’ धुन के साथ जा पहुंची प्रजापत परिवार में मायरा भरने। सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं पूरे परिवार की खुशी चौगुना हो गई। सपना एक-एक से गले मिली। बाकायदा ‘मिळनी’ करी। बहिन को चूनरी ओढ़ाई और सभी के ऊपर 'घोळ' करके रूपए उंवारै और वहीं बांट दिये। सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं देखते ही देखते मायरे की चर्चा पूरे मूंडवा शहर में हो गई। सपना के प्रति क्रेज इतना बढ़ा कि शादी के परिवार वालों में उसके साथ सेल्फी लेने की होड़ मच गई। सपना ने तय किया है कि अब जल्द ही वह दो कन्याओं की शादी का खर्च भी उठाएगी। सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं सपना मायरो भरण नै आई : ये हाथ बधाइयाँ-खुशियां बांटते भी हैं