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Kolayat : हाथ लगाते ही उखड़ी सड़क, क्या जांच करायेंगे एमएलए अंशुमानसिंह !

  • इस ग्रामीण ने 66 करोड़ के विकास की बखिया उधेड़ दी
  • जानिये कौनसी सड़क, किसने बनाई, कितनी लागत?

राहुल हर्ष 

RNE Kolayat (Bikaner)

गांव तक पहुंचने को काळी यानी डामरवाली सड़क बनें तो खुशी होनी है लेकिन सड़क बनते ही उधड़ने लगे तो आम आदमी के मन में सवाल उठता है ‘सड़क को काली करने में कहीं काली कमाई का खेल तो नहीं हो गया?’ कुछ ऐसा ही सवाल कोलायत विधानसभा क्षेत्र के बीसियों गांवों से रोजाना आवाजाही करने वालों के मन मंे भी उठा रहा है।

यूं हाथों से उखड़ रही सड़क ।

वजह है, यहां बनी नई सड़क, जिस पर दो-चार दिन ही चले थे कि यह बिखरने लगी। ऐसे में इसमें ‘खेल’ होने की आशंका नजर आने लगी। हालांकि ज्यादातर लोग महज इसकी बात करके रह जाते हैं लेकिन एक ग्रामीण ने सड़क की मजबूती मापने हाथ लगाए तो वह सिके हुए पापड़ की तरह टूटने लगी। इसका बाकायदा वीडियो बनाया। ग्रुप्स में शेयर कर सड़क के हाल बताये हैं।

ये पत्थर बताता है, लागत और लंबाई, हालांकि ऐसा भी लग रहा है कि किसी ने शिलान्यास करने वाले पूर्व मंत्री भंवरसिंह के नाम को ढंकने की कोशिश की है।

66 किमी लंबी सड़क, 66 करोड़ लागत:

इस सड़क के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल के आखिरी बजट 2023-24 की घोषणा में स्वीकृत सड़क है। पलाना, बरसिंहसर, लालमदेसर, जेडी मगरा, मुंझासर, सियाणा, बाला का गोल, हदा, खारिया मलिनाथ, खारिया पतावतान एवं उदत गांवों को जोड़ती है। एनएच-11 से जुड़ी इस सड़क की लंबाई 66 किलोमीटर है। इसकी चौड़ाई, सुदृढ़ीकरण और नवीनीकरण का काम किया गया है। इस पर लागत बताई गई है 66 करोड़ रूपए। यानी एक करोड़ रूपए प्रति किलोमीटर खर्च हुआ है।

पूर्व मंत्री भंवरसिंह भाटी ने शिलान्यास किया:

इस सड़क को मंजूर करवाने का श्रेय पूर्ववर्ती सरकार में ऊर्जा और जल-संसाधन मंत्री भंवरसिंह भाटी को जाता है। उन्होंने बाकायदा 24 अगस्त 2023 को इसका शिलान्यास यानी काम शुरू भी करवाया।

देवीसिंह भाटी ने उठाया था मुद्दा, क्या अब करवाएंगे जांच:

विधानसभा चुनाव से कुछ ही समय पहले पूर्व मंत्री एवं राजस्थान के कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी ने पीडब्ल्यूडी ऑफिस को घेरने की घोषणा की। ऑफिस पहुंचे। अधिकारियों की क्लास ली और सड़कों की गुणवत्ता घटिया होने का आरोप लगाते हुए कोलायत क्षेत्र की कई सड़कों की जांच करने और मौके पर मौजूद कचरा, वेस्ट हटाने को कहा।

अंादोलन की चेतावनी के आगे अधिकारियों ने हामी भी भरी। कुछ काम भी हुए। इसके बाद चुनाव आ गए। स्वीकृत काम अटक गए। अब भले ही काम पुराना स्वीकृत हो लेकिन नई सरकार के कार्यकाल में हो रहा है। गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले पूर्व मंत्री देवीसिंह के पोते अंशुमानसिंह भाटी कोलायत से भाजपा के एमएलए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अंशुमानसिंह भाटी अपने क्षेत्र में हो रहे निर्माण-विकास कार्यों को देखेंगे? क्या वे इसकी गुणवत्ता की जांच करवाएंगे?

क्या कह रहे हैं जिम्मेदार अफसर?

आरएसआरडीसी की एक्सईएन शिल्पा कच्छावा कहती हैं, ये सड़क अभी बनी है। इसमें क्वालिटी को लेकर कोई शिकायत अब तक नहीं आई है। अभी आपने बताया है तो इसकी लोकेशन बता दें, हम इसकी जांच करवा लेंगे।

गारंटी होती है ठेकेदार की:

बताया जाता है कि यह सड़क इसी महीने में बनी है। जिस जगह से क्वालिटी खराब होने का वीडियो सामने आया है वह जगह सियाणा और नेणिया गांव के बीच है। इस सड़क को एमटीसी कंपनी ने बनाया है। सड़क निर्माण के नये प्रावधानों के मुताबिक निर्माण के लगभग चार साल तक इसमें टूट-फूट या क्वालिटी की शिकायत आती है तो संबंधित फर्म इसकी जिम्मेदार होती है। बताया जाता है कि एमटीसी नाम की किसी फर्म ने इस सड़क को बनाया है।