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बॉर्डर -गावस्कर सीरीज हार के बाद रोहित शर्मा टी टवेंटी के बाद टेस्ट क्रिकेट से भी हुए बाहर

  • रोहित चैम्पियंस ट्रॉफी जीत यादगार विदाई ले सकते है

RNE, Network.

बॉर्डर -गावस्कर टेस्ट सीरीज के आखिरी सिडनी टेस्ट में टीम इंडिया के रेगुलर रेड बॉल कप्तान रोहित शर्मा का न खेलना खेल जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। रोहित शर्मा ने स्वयं के सिडनी टेस्ट में नहीं खेलने के संदर्भ में एक साक्षात्कार में कहा कि न तो मैं रिटायर हो रहा हूं और न ही मुझे ड्राप किया गया है बल्कि टीम के हित को देखते हुए स्वयं ही अंतिम इलेवन से बाहर हुआ हूं।

अक्सर रोहित शर्मा की तुलना भारत के पूर्व दिग्गज कप्तानो सौरभ गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी से होती है। रोहित निकट भविष्य में टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे और टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी करेंगे, इसकी संभावना बहुत कम है क्योंकि भारत बॉर्डर -गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से हार चुका है।

BGT सीरीज में हार से यह लगभग तय हो गया है कि भारत अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह नहीं बना पाएगा, अब भारत को टेस्ट क्रिकेट करीब 5 माह के बाद इंग्लैंड के खिलाफ घर में खेलनी है। ऑस्ट्रेलिया में बुरे प्रदर्शन के बाद भारत की टेस्ट टीम में बड़ा बदलाव होना स्वभाविक है। रोहित शर्मा की उम्र 37 साल हो चुकी है, उनके इंटरनेशनल क्रिकेट की उम्र अंतिम फेज़ में है। टी टवेंटी क्रिकेट वर्ल्डकप जीत के बाद रोहित पहले ही इंरनेशनल टी टवेंटी क्रिकेट को अलविदा कह चुके है और अब सफ़ेद ड्रेस क्रिकेट में भी रोहित शायद ही खेलते हुए मिले।

रोहित वन डे क्रिकेट में भी ज्यादा सालों तक भारत के लिए खेल नहीं सकते,क्योंकि IPL के कारण BCCI और चयन समिति के पास बहुतेरे विकल्प है। रोहित टेस्ट क्रिकेट में गुजरे साल सुपर फ्लॉप रहें थे, इसी वजह से सिडनी टेस्ट में यह कहकर नहीं उतरे क्योंकि मान चुके थे कि लाख जतन के बाद भी बल्ला नहीं चल रहा है। रोहित के बारे में उनके समकालीन साथी और पूर्व में रोहित के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर चुके तमाम क्रिकेटर्स रोहित को मानवीय व्यवहार के नजरिए से धोनी से ऊपर तरजीह देते है। रोहित शर्मा क्रिकेट सुपरस्टार और टीम इंडिया के कप्तान बनने के बाद भी आज तलक अपने रुट्स को नहीं भूले है।

 रोहित शर्मा

रोहित शर्मा को जब आप मीडिया से संवाद स्थापित करते हुए गौर से सुनेंगे तो साफ लगेगा कि रोहित ने क्रिकेट खेलने के अलावा कुछ और किया ही नहीं है। रोहित ने अपने एक्सटर्नल फीचर्स पर कभी इतना तवज्जो दिया ही नहीं, आज भी उनकी भाषा मुंबईया चॉल की तरह ही है, यही रोहित की असली यूएसपी है।

भारतीय क्रिकेट टीम का ड्रेसिंग रूम सदा तीन -चार सुपरस्टार्स से भरा रहा है, जब इतने सुपरस्टार एक साथ खेलेंगे तो विवाद और ईगो का टकराव होना लाजमी है। रोहित शर्मा का व्यवहार और क्रिकेट करियर ऐसे विवादों से अछूता ही रहा है। रोहित और विराट कोहली दोनों साथ में भारत के लिए डेढ़ दशक तक क्रिकेट खेले है,विराट के एग्रेसिव ऐटिटयूड और बड़ी ब्रांड इमेज़ के बावजूद रोहित के कभी विराट से रिश्ते खराब नहीं हुए।

बॉर्डर -गावस्कर ट्रॉफी में आशातीत परिणाम न आने के बाद अब रोहित शर्मा के सामने चैंपियंस ट्रॉफी का चैलेंज होगा। सवा महीने बाद ही यह मिनी वर्ल्डकप शुरू होने जा रहा है। टी टवेंटी और टेस्ट टीम से लगभग बाहर हो चुके रोहित चैंपियंस ट्रॉफी को भारत की झोली में लाकर इंटरनेशनल क्रिकेट को यादगार मेमोरीज के साथ अलविदा कह सकते है। रोहित का ICC वन डे वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। रोहित ने 2019 के ODI वर्ल्डकप में सर्वाधिक 648 रन बनाए थे,2023 के वर्ल्डकप में भी रोहित ने सेल्फलेस क्रिकेट खेली थी। अब रोहित को ऑस्ट्रेलिया दौरे की बुरी यादों को भूलाकर चैम्पियंस ट्रॉफी को जीतने की योजना बनानी चाहिए, उम्मीद है रोहित एक विजेता की तरह खेलकर भारत को वर्ल्ड चैम्पियन बनाकर गरिमापूर्ण ढंग से इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहेंगे।



मनोज रतन व्यास को समान्यतया फिल्म समीक्षक, लेखक, कवि के रूप में जाना जाता है। कम लोग जानते है कि बिजनेस मैनेजमेंट के महारथी और मीडिया में प्रसून जोशी के साथ एडवरटाइजमेंट क्रिएटीविटी टीम के सदस्य रहे मनोज गहरी दृष्टि वाले खेल समीक्षक हैं। rudranewsexpress.in के पाठक Sunday Sports Talk में उनकी इसी “फील्ड से फिनिश लाइन” तक वाली समीक्षकीय दृष्टि से हो रहे हैं रूबरू।

 

 

 

मनोज रतन व्यास