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अजमीढ़जी जयंती : Nagaur में निकली शोभायात्रा में कलशधारी महिलाओं ने मंगलगीत गाये

एन.एल. कडेल

RNE Network, Nagaur.

“हाथ में तलवार। पूरा शृंगार। घोड़े की सवारी और चेहरे पर आत्मविश्वास।” यह किसी पुराने योद्धा का जिक्र नहीं हैं वरन युवतियों के उस दल का दृश्य है जो राजस्थान में नागौर शहर की सड़कों से गुजरी। मेढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की ये युवतियाँ उस शोभायात्रा की आगीवाण थी जो अजमीढ़जी महाराज की जयंती पर निकली थी।

दरअसल नागौर में श्रीमैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की ओर से अजमीढ़ महाराज की जयंती और शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम हुआ। दो दिवसीय आयोजन में नागौर शहर के अलावा आसपास के गांवों से स्वर्णकार बंधु बड़ी संख्या में शामिल हुए।

पहले दिन महिला मंडल की प्रतियोगिता में समाज की सभी महिलाओं ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और विजेताओं को सम्मानित किया गया।

समाज के भवन निर्माण के आह्वान पर स्वर्णकार समाज के बंधुओं ने आज एक ही दिन में 15 लाख से अधिक की राशि भी जमा कर ली। सभी ने संकल्प लिया कि अगली अजमीढ़ जयंती समाज के भवन में मनाई जाएगी।

इस मौके पर भव्य शोभायात्रा निकली जिसमें महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर मंगल गीत गाए। मनीष डांवर ने बताया कि शहर में खाई की गली स्थित माता जी के मंदिर से गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा निकलकर कायस्थों के मोहल्ले स्थित स्वर्णकार भवन पहुंची। शोभायात्रा का शहर में जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया।

शोभायात्रा में देवी-देवताओं की भव्य झांकियां सजाई गईं। दामोदर मांडन ने 1 लाख 31 हजार रूपए भेंटकर अजमीढ़ महाराज के चित्र पर माला पहनाई। कलश यात्रा में सभी कलश धारी महिलाओं को भामाशाह शारदा देवी, सुखदेव, राधेश्याम व धर्मेंद्र कड़ेल की ओर से पानी के जार (20 लीटर केम्पर) दिए गए।

शोभायात्रा के स्वर्णकार भवन पहुंचने पर सम्मान समारोह हुआ जिसमें समाज की मेधावी प्रतिभाओं और भामाशाहों का सम्मान किया गया। समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों व झांकियों में शामिल बच्चों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

शोभायात्रा में समाज अध्यक्ष ओमप्रकाश मांडन, महिला मंडल अध्यक्ष इंदुबाला सणगत, सुखदेव कड़ेल, दामोदर प्रसाद मांडन, सत्यनारायण डांवर, प्रमोद मांडन, बजरंग मांडन आदि ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।