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तीन देशों में प्रताड़ना झेल रहे गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को सम्मान से जीने का हक मिलेगा

RNE, BIKANER .

केंद्र सरकार द्वारा आज भारतीय नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 को देश भर में लागू कर दिया गया है सरकार का यह कदम अपने आप में स्वागत योग्य है। इस कानून की लंबे समय से प्रतिक्षा थी। अब भारत में लंबे समय से शरणार्थी की तरह निवास कर रहे गैर भारतीयो को भारत की नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। भारत में पड़ोसी देश से अपनी जान बच कर आए सैकड़ो हिंदुओ के संगठन ‘हिन्दू शरणार्थी अधिकार मंच’ लंबे समय से मांग कर रहा था।


दरअसल भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बना था, जिसे अब तक 6 बार संशोधित किया जा चुका है। ये संशोधन 1986, 1992, 2003, 2005, 2015 में किये गए। अंतिम बार 2019 में आवश्यक संशोधन के बाद संसद में पारित किया गया था। राष्ट्रपति के विधिवत हस्ताक्षर के बाद CAA कानून बन चुका है जिसे भारत सरकार ने आज अधिसूचना जारी कर पूरे देश में लागू कर दिया।


पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में प्रताड़ना झेल रहे अल्पसंख्यक हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, क्रिस्चियन आदि अब भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसे पड़ोसी देश से गैर मुस्लिम जो कम से कम 6 वर्ष तक शरणार्थी की तरह भारत में रह रहे है। सीएए कानून से भारत मे रह रहे किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी नही होगी।
– (अखिलेश प्रताप सिंह भारतीय जनता पार्टी बीकानेर के पूर्व जिलाध्यक्ष, हनुमानगढ़ जिला संगठन प्रभारी व गंगानगर लोकसभा सह- प्रभारी है।)