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सांस्कृतिक सृजन पखवाड़े में ‘राजस्थान के कवि’ पुस्तक पर पोथी-चर्चा आयोजित

 
RNE BIKANER.
 बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र विधायक श्री जेठानंद व्यास ने कहा कि राजस्थानी अत्यंत समृद्ध भाषा है, इसे संवैधानिक मान्यता शीघ्र मिलनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा भी राजस्थानी को मान्यता दिये जाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। 
        श्री व्यास सोमवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से सांस्कृतिक सृजन पखवाडे़ के तहत अकादमी सभागार में आयोजित पुस्तक-प्रदर्शनी व पोथी-चर्चा के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का असीमित भंडार हैं। ये हमारे विचारों को विकसित करने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने व हमें भावनात्मक रूप से परिपक्व करती हैं। श्री व्यास ने कहा कि अकादमी पुस्तकालय में उपलब्ध राजस्थानी पुस्तकों का शोधार्थियों-विद्यार्थियों को लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक विद्यार्थियों को स्कूल-कॉलेजों में राजस्थानी विषय लेने हेतु प्रोत्साहित किया जाये, इससे विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार श्री मधु आचार्य ‘आशावादी‘ ने कहा कि सांस्कृतिक सृजन पखवाड़े के तहत अकादमी द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों से राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ है। उन्होंने कहा कि पुस्तक ‘राजस्थान के कवि’ में राजस्थानी के ग्यारह लब्धप्रतिष्ठ कवियों को शामिल किया गया है। इन कवियों ने राजस्थानी कविता को नई पहचान दी है, युवा लेखकों को इनकी रचनाओं से सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी।     
        अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि पुस्तक-प्रदर्शनी में अकादमी की मुखपत्रिका जागती जोत के वर्ष 1973 से अब तक के अंकों को प्रदर्शित किया गया है, इसके साथ ही अकादमी प्रकाशनों तथा अकादमी पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना के तहत प्रकाशित पुस्तकों को भी रखा गया है। पोथी-चर्चा में पत्रवाचन करते हुए श्री नेहरू शारदापीठ महाविद्यालय में राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने कहा कि ‘राजस्थान के कवि’ पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में राजस्थानी विषय के पाठ्यक्रम में शामिल है। इसमें राजस्थानी के मूर्धन्य कवियों की प्रतिनिधि कविताओं को सम्मिलित किया गया है। लेखिका सीमा पारीक ने बताया कि इन कवियों की कविताओं में लोक संस्कृति, प्रेम, प्रकृति का अद्भुत चित्रण हुआ है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए नगेन्द्र नारायण किराडू ने ‘राजस्थान के कवि‘ पुस्तक की विशेषताओं को विस्तार से बताया।
       इससे पूर्व पुस्तक-प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन विधायक श्री जेठानन्द व्यास ने किया। साहित्यकार सुधा आचार्य ने शंखनाद किया। इस अवसर पर साहित्यकार कमल रंगा, राजेन्द्र जोशी, इन्द्र कुमार छंगाणी, चन्द्रशेखर हर्ष, अब्दुल शकूर सिसोदिया, विक्रम सिंह चौहान, डॉ. मोहम्मद फारूक चौहान, श्री निवास थानवी, केशव जोशी, डॉ. अजय जोशी, राजाराम स्वर्णकार, डॉ. नमामी शंकर आचार्य, कानसिंह, मनोज मोदी, रोहित स्वामी, जुगल किशोर पुरोहित, योगेन्द्र कुमार पुरोहित, हरिशंकर पुरोहित, चित्रा पारीक, अक्षिता जोशी, मुक्ता व्यास, राहुल शर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, विद्यार्थी उपस्थित थे।