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Home Based Palliative Care : अजमेर, पाली के बाद अब बीकानेर में "होम बेस्ड पैलिएटिव केयर" शुरु

 
RNE Jaipur-Bikaner.
राजस्थान सरकार ने गंभीर और असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए राहत की एक नई पहल शुरू की है। अब ऐसे मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पर जाकर इलाज करेगी। इसके लिए "होम बेस्ड पैलिएटिव केयर" नामक सुविधा की शुरुआत की गई है, जो पूर्व में अजमेर और पाली जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी। बीकानेर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पुखराज साध और डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने स्वास्थ्य भवन से टीम को हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम का जिला स्तरीय शुभारंभ किया। इस अवसर पर डीएनओ मनीष गोस्वामी व एफसीएलओ पुनीत रंगा मौजूद रहे। पहले दिन टीम द्वारा नोखा क्षेत्र में विभिन्न मरीजों की घर जाकर जांच व देखभाल की गई जिसकी मॉनिटरिंग डॉ लोकेश गुप्ता द्वारा की गई।
यह है कार्यक्रम के उद्देश्य : 
डॉ साध ने बताया कि इस सेवा का मुख्य उद्देश्य यह है कि असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों को अंतिम समय में अस्पताल में अकेले ना रहना पड़े। वे अपने परिवार के बीच रहकर मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से सहज महसूस करें। इलाज के इस तरीके से न सिर्फ मरीज को आराम मिलेगा, बल्कि उनके परिजन भी राहत महसूस करेंगे, क्योंकि उन्हें बार-बार अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। पैलिएटिव केयर सिर्फ दवाओं तक सीमित नहीं है, इसमें मरीज को मानसिक तनाव, अवसाद और चिंता से बाहर निकालने के लिए काउंसलिंग भी शामिल है। 
इस प्रकार मिलेगी सेवाएं : 
डॉ गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम के तहत कैंसर, हृदय रोग, किडनी और लीवर की गंभीर बीमारी, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और वृद्धावस्था में मल्टीपल क्रॉनिक बीमारियों से ग्रसित मरीजों को घर बैठे ही इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। जानकारी मिलने पर योजना के तहत नर्सिंगकर्मी मरीज के घर जाकर न केवल उसकी स्थिति की जांच करेंगे, बल्कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं का सही तरीका भी बताएंगे। यदि मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ती है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर दवाओं में बदलाव भी किया जा सकेगा। ब्लॉक वाइज इस प्रकार के मरीजों की नाम सूची तैयार की जा रही है ताकि शेड्यूल बनाकर क्रम से सेवाएं दी जा सके। पैलिएटिव केयर के लिए टीम में शामिल नर्सिंग कर्मचारियो को एम्स जोधपुर में विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।
पैलिएटिव केयर में ये सेवाएं हैं शामिल : 
डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि पैलिएटिव केयर के अंतर्गत असाध्य रोग से पीड़ित मरीज के दर्द, थकान, सांस की तकलीफ, मतली, उल्टी, आदि जैसे लक्षणों का प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सहायता, रोगी की मान्यताओं और मूल्यों के अनुसार आध्यात्मिक सहायता और रोगी व उनके परिवार दोनों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना शामिल है।