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कब तक खुले रहेंगे निगम के ये नाले ? पशु धन का कब तक होगा नुकसान ? ?

शहर के अनेक हिस्सों में गंदे पानी के नाले खुले है
अक्सर इनमें पशु धन गिरता है और नुकसान होता है
इन नालों की नियति क्या खुला रहना ही है
इनको बंद करने की स्कीम अब क्यों नहीं बनाई निगम ने
नाले ने कचरा हो या पानी, तब तो ज्यादा हो जाते खतरनाक
 

रितेश जोशी

RNE Special.

बीकानेर कोई अकेला ऐसा शहर नहीं जहां गंदे पानी की निकासी के लिए नाले बने हुए हों। इस तरह के नाले तो देश के हर शहर में बने हुए है। क्योंकि इनके जरिए शहर के ड्रेनेज सिस्टम को सुचारू रखा जाता है। ये उसके लिए जरूरी भी है।
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मगर, बीकानेर ही एक ऐसा  शहर है जहां निकासी के ये अधिकतर नाले खुले पड़े हुए है। ये खुले नाले कई बार पशु धन के लिए बड़े खतरनाक साबित होते है। इनमें गायें, सांड और कई बार तो बाइक व साईकिल सवार, टैक्सी तक गिर जाते है। बड़ी क्षति की स्थिति तक बन जाती है। फिर उस इलाके के लोग आक्रोश जताते है, विरोध है। यह स्थितियां इन नालों के कारण एक साल में दर्जनों बार बनती है। मानसून में तो बहुत बनती है। पिछ्ले एक महीनें के अखबार देखें तो कई खबरें इस तरह की मिल जायेगी।
 

अनेक हिस्सों में खुले है नाले:
 

शहर के अनेक इलाकों जैसे गिन्नानी, जस्सूसर, नत्थूसर, बेणीसर बारी आदि में नाले खुले है। इन नालों को लेकर क्षेत्रीय नागरिक लगातार नाले साफ करने और उनको बंद करने की भी मांग करते रहे है। मगर निगम उनकी सुनवाई ही नहीं करता।

निगम के पास है ऐसे नालों की सूची:
 

नगर निगम के पास इन खुले नालों की सूची भी है। आइडेंटिफाई है ये नाले। मगर निगम कभी कभार ही इनकी सफाई कराता है या फिर मरम्मत। 
 

आज तक योजना क्यों नहीं ?
 

इनको बंद करने की कभी भी किसी वृहद योजना पर बात नहीं करता। स्कीम बनाकर राज्य सरकार को नहीं भेजता। अच्छी बात तो ये होती की इन नालों को ढककर निकासी के माकूल प्रबंध की योजना बनाई जाती। निगम के अधिकारी स्थानीय जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेकर उसे राज्य सरकार से पारित कराते और बीकानेर की जनता को राहत देते। 
 

नाले खुले है इस कारण ही तो उसमें कचरा आता है। लोग कचरा डाल देते है। ढके हो तो एक तय अवधि के बाद उनकी सफाई का ही काम प्रमुखता से बचता है। अन्य शहरों में भी यह हो रहा है ना। बीकानेर नगर निगम दूसरे राज्यों से इस काम की जानकारी लेकर बीकानेर को राहत भी दे सकते है।
 

खतरनाक बन जाते है ये नाले:
 

इन नालों की भयावह स्थिति तब बनती है जब बरसात आती है। उसमें कीचड़ नीचे चला जाता है ऊपर कचरा व पानी आ जाता है। पशु धन गिरता है तो दलदल में फंस जाता है। क्रेन से ही पशु, बाइक, टैक्सी आदि को निकालना पड़ता है।
 

रुद्रा के ज्वलंत सवाल ????

  1. इन नालों को ढकने की कभी योजना क्यों नहीं बनी ?
  2. ये विचार कभी भी सरकार के सामने क्यों नहीं रखा गया ?
  3. नालों की नियमित सफाई क्यों नहीं होती ?
  4. क्षत विक्षत होने पर ही मरम्मत क्यों होती है ?