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शहर में अनिल, अरुण, मकसूद, प्रबल दावेदार, बाकी लोग कर रहे केवल वजूद बचाने का प्रयास

ऑब्जर्वर ले रहे है हर तबके से फीडबैक, बना रहे है रिपोर्ट
बड़े नेताओं का कितना होगा दखल, बड़ा सवाल
 

अभिषेक आचार्य

RNE Special.
 

कांग्रेस संगठन के गठन के अभियान में लगी हुई है। इसके लिए हर जिले में ऑब्जर्वर बनाये गए है। ये ऑब्जर्वर इस बार दूसरे राज्य से आये है ताकि उनको किसी भी तरीके से प्रभावित न किया जा सके। वे तटस्थ रहकर अपनी रिपोर्ट भी बना सकें।
 

इन ऑब्जर्वर्स को जिलों में भेजने से पहले दिल्ली बुलाया गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इनको गाइड लाइन दी। संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सबको पैरामीटर बताये। उसके बाद इनको आवंटित जिलों में भेजा गया है।
 

ऑब्जर्वर की ये है कार्य अवधि:
 

इन ऑब्जर्वर्स को 4 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक अपने अपने आवंटित जिले में रहने के लिए कहा गया है।  इस अवधि में वे वर्तमान अध्यक्षों से फीडबैक लेंगे। जिले के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे। अन्य कई तबकों के महत्त्वपूर्ण लोगों से विचार करेंगे। फिर अपनी रिपोर्ट 20 अक्टूबर तक तैयार कर सीधे आलाकमान को देंगे। पीसीसी से इनको कोई बैठक नहीं करनी है। आलाकमान इनकी रिपोर्ट पर स्वयं जिलाध्यक्षों की घोषणा करेगा।
 

शहर अध्यक्ष के लिए दावेदार:
 

यूं तो शहर कांग्रेस के लिए लगभग एक दर्जन नेता दावेदार है। मगर कुछ तो केवल अपना वजूद बचाये रखने के लिए दावेदारी कर रहे है। उनको पता है कि इस बहाने वे कोई पद तो शहर कार्यकारिणी में पा ही लेंगे। वे तो अपने को बचाने के लिए ये हवाई दावा कर रहे है।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए जिन 3 नामों को लेकर ज्यादा आशाएं है, जिनको अध्यक्ष का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है, वे है अनिल कल्ला, अरुण व्यास तो पुष्करणा बहुल क्षेत्र होने से इस समुदाय के है, वहीं अल्पसंख्यकों की तरफ से पूर्व मेयर हाजी मकसूद अहमद का नाम चर्चा में है। बीकानेर में अल्पसंख्यक समुदाय सदा से कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक रहा है। मगर क्षेत्र पुष्करणा बहुल है, इस वजह से इस समुदाय का दावा ज्यादा स्वाभाविक माना जा रहा है। अन्य कुछ नाम भी चर्चा में है, मगर उनको लेकर ज्यादा उम्मीद नहीं की जा रही।
 

हर तबके से फीडबैक:
 

इस बार बाहर से ऑब्जर्वर है तो उम्मीद ये भी है कि पहले की तरह बड़े नेताओं का दबाव नहीं चलेगा। उनकी राय ऑब्जर्वर जरूर लेंगे। मगर ये ऑब्जर्वर अलग अलग क्षेत्रों के चर्चित लोगों से भी संभावित अध्यक्ष पर फीडबैक ले रहे है। उससे लगता है कि इस बार मनमर्जी के अध्यक्ष नहीं बनेंगे।
 

देहात को लेकर चुप्पी:
 

हालांकि बीकानेर के ऑब्जर्वर राजेश तिलोठिया शहर के साथ देहात अध्यक्ष के लिए भी फीडबैक ले रहे है। मगर ये निर्णय तो पार्टी को करना है कि वो देहात में अध्यक्ष बदलती है या नहीं। इस पर अभी संगठन के स्तर पर चुप्पी ही है।
 

लिखित में भी कईयों के दावे:
 

शहर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कई अन्य नेताओं ने लिखित में भी दावे किए है। जो खुद इस बात को प्रचारित कर रहे है कि हमने दावा किया है। जब तक ऑब्जर्वर इस बात की अधिकृत पुष्टि नहीं करते कि इन लोगों का फीडबैक लिया जा रहा है, तब तक दावेदार कितने है, यह कहना भी समीचीन नहीं है