{"vars":{"id": "127470:4976"}}

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कल, नागौर में 01 से 19 वर्ष वालों तक पहुंचने के लिए ये इंतजाम 

 

RNE Nagaur.

कल यानि देश में 22 अगस्त का दिन बच्चों के मंगल स्वास्थ्य खातिर समर्पित रहेगा, इस दिन को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मनाए जाने वाले इस राष्ट्रीय दिवस पर नौनिहालों तथा किशोर किशोरियों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी जाएगी। 

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को निर्धारित कार्ययोजना के मुताबिक मनाने के लिए गांव-ढाणी स्तर पर स्थापित राजकीय स्वास्थ्य केन्द्र तक माइक्रोप्लानिंग हो चुकी है, जिसे अमलीजामा पहनाया जाना है। राजस्थान में भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर आवश्यक दिशा -निर्देश जारी कर दिए हैं। 
प्रमुख शासन सचिव की ओर से जारी दिशा निर्देशानुसार इस आयोजन को सफल बनाने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जुगल किशोर सैनी के मार्गदर्शन में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. शीशराम चौधरी ने जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक भी आयोजित कर ली है। 
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नागौर ने बताया कि बच्चों और किशोरों के बेहतर स्वास्थ्य व बौद्धिक विकास को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 2025 का आयोजन 22 अगस्त (शुक्रवार) को किया जाएगा। जिला स्तरीय शुभारंभ राजकीय शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर दवे नगर से शुक्रवार सुबह 11:00 किया जाएगा. 
अभियान के शुभारंभ वाले दिन 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को एल्बेंडाजॉल की खुराक दी जाएगी। जो बच्चे इस दिन दवा लेने से छूट जाएंगे, उन्हें 29 अगस्त (मॉप-अप दिवस) को कवर किया जाएगा। अभियान के तहत लक्ष्य है कि 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग का कोई भी बच्चा छूटे नहीं और सभी को कृमि संक्रमण से मुक्त कर स्वस्थ जीवन प्रदान किया जाए। किसी भी प्रतिकूल घटना से निपटने के लिए हर अस्पताल में एडवर्स इवेंट रेस्पॉन्स टीम गठित की गई है। साथ ही 108 इमरजेंसी कॉल सेंटर को अलर्ट रखा गया है।
क्यों जरूरी है अभियान : 
शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार मिट्टी जनित कृमि संक्रमण से बच्चों के शारीरिक विकास, पोषण स्तर, हीमोग्लोबिन और मानसिक क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है। नियमित कृमि मुक्ति से बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होता है और उनकी पढ़ाई-लिखाई व बौद्धिक क्षमता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कहाँ और कैसे मिलेगा लाभ : 
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 2025 के अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा तथा विद्यालयों, कॉलेजों, तकनीकी संस्थानों और मदरसों में शिक्षकों द्वारा एलबेंडोलोज की खुराक दी जाएगी। स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा वर्कर आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा दिलाने के लिए प्रेरित करेंगी।