नाट्य शास्त्र की एक हजार साल बाद फिर से हिंदी में हुई है टीका
Jul 14, 2025, 08:23 IST
RNE Network.
भरतमुनि के नाट्य शास्त्र की अभिनव गुप्त के बाद पहली बार एक हजार साल बाद सरल हिंदी में हुई टीका ' पंचम वेद ' अब पंजाबी भाषा में भी उपलब्ध रहेगी। हिंदी में ' पंचम वेद ' के रूप में यह टीका कवि, आलोचक, नाटककार डॉ अर्जुन देव चारण ने की है। पंजाबी में इसका अनुवाद दिल्ली विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व पंजाबी साहित्यकार प्रोफेसर रवैल सिंह ने किया है।
यह अनुवाद न केवल भाषाई सेतु का कार्य करेगा अपितु भारतीय रंगमंच की आत्मा को पंजाबी पाठकों तक भी सजीव रूप में पहुंचाएगा। डॉ चारण की यह कृति भारतीय रंगमंच की इस समय की सबसे चर्चित कृति है। क्योंकि इससे पहले इतनी सरल भाषा मे नाट्य शास्त्र उपलब्ध ही नहीं था। वरिष्ठ रंगकर्मियों ने पहले भी मांग की थी कि ' पंचम वेद ' सभी भारतीय भाषाओं में अनुदित होनी चाहिए।