Nokha : दिव्य ज्योति संस्थान, अर्केश्वर महादेव ग्रुप की ओर से 22 से 28 जुलाई तक शिवकथा
RNE Nokha.
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान और अर्केश्वर महादेव ग्रुप नोखा के संयुक्त तत्वावधान में शिव कथा का शुभारंभ हुआ। संस्था के प्रमुख एवं संस्थापक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की दिव्य कृपा से, 22 जुलाई से 28 जुलाई 2025 तक नोखा ( बागड़ी शिव मंदिर ) में मंगलवार को सात दिवसीय संगीतमय शिव कथा चलेगी।
पहले दिन यह हुआ :
कथा के प्रथम दिवस का उद्देश्य भक्तों को भगवान शिव की पावन कथाओं में निहित गहन शिक्षाओं का सफलतापूर्वक सम्प्रेषण करना था। इसने हजारों भक्तों को भगवान शिव की शाश्वत भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। कथा के सहयोग कर्ता संत श्री पदमाराम कुलरिया के परिवार जनों में संत जी की धर्मपत्नी हर प्यारी देवी, पौत्री निशा कुलरिया ने वैदिक मंत्रों के साथ पूजा अर्चन किया । कथा व्यास साध्वी श्रीदिवेशा भारती,अनुपमा भारती,कंचन मुक्ता भारती ,राजदीप भारती,गोपिका भारती,प्रभु ज्योति भारती ,गुरबाज,प्रिंस,आदर्श,प्रियांशु,अंकित पारीकका स्वागत एवं अभिनंदन किया। कथा के प्रथम दिवस पर मुंबई से संत जी के तीनों पुत्रों कानाराम शंकर और धर्म कुलरिया ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कथा की सार्थकता हेतु अपनी सद्भावनाएं प्रेषित की व मुंबई में अपने परिवार जनों के साथ बैठकर कथा का आत्मिक आनंद लिया।
श्लोकों से धर्म शिक्षा :
कार्यक्रम में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी दिवेशा भारती जी ने विभिन्न धर्मग्रंथों के श्लोकों के माध्यम से शिक्षाओं के गहन अर्थों और संदर्भों को कुशलतापूर्वक समझाया। भगवान शिव विनाश और परिवर्तन, दोनों के दिव्य पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो मनुष्य के भीतर की बुराई का नाश करते हैं और उसे उत्कृष्टता की ओर ले जाते हैं। साध्वी जी ने भगवान शिव के जीवन के कई दिव्य रहस्यों का अनावरण किया, जिनमें कैलाश पर्वत पर उनका गहन ध्यान, उनका ब्रह्मांडीय नृत्य (तांडव), समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष का पान आदि शामिल हैं। खुली तीसरी आँख वाली ध्यान मुद्रा में विराजमान शिव आंतरिक जागृति, शांति और सचेतन जीवन के प्रतीक हैं।
आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, आध्यात्मिकता पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। बढ़ते तनाव और भटकाव के बीच, ध्यान शांति और आत्मचिंतन प्रदान करता है। कथा में शामिल हुए श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आरती के साथ कथा के प्रथम दिवस का समापन किया । कथा के द्वितीय दिवस कल दोपहर 1से 4बजे तक कथा का वाचन होगा।