Rameshwar Dudi को दो साल बाद अपने घर बीकानेर लाये, समर्थक-कार्यकर्ता लगातार कर रहे दुआएं!
RNE Bikaner.
दो साल से अचेतन के गहरे अंधेरे में खोये कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी को उनके घर बीकानेर लाया गया है। उनकी हालत मंे खास सुधार नहीं बताया जा रहा है। डॉक्टर्स की एक टीम के साथ उनकी विधायक पत्नी सुशीला डूडी सहित परिजन देखरेख कर रहे हैं। हर तरफ से एक ही पुकार या अरदास हो रही है ‘अचेतन के गहरे अंधेरे से लौट आओ रामेश्वर डूडी।’
रामेश्वर डूडी के हालचाल जानने उन्हें देखने बड़ी तादाद में लोग उनके घर की तरफ जा रहे है। स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के चलते सभी को मिलने देना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके बावजूद प्रदेश और देश के नेता लगातार परिजनों से हालचाल पूछ रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री और बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने भी उनके घर जाकर हालचाल जाने। उनकी पत्नी विधायक सुशीला डूडी से स्थिति जानी और शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की। इस दौरान भाजपा नेता शशिकांत शर्मा सहित डूडी के परिजन, भाजपा नेता-कार्यकर्ता मौजूद रहे।
दरअसल रामेश्वर डूडी वह नेता है जिनकी फैन फॉलोइंग बीकानेर ही नहीं बल्कि राजस्थान के हर हिस्से में हैं। याराना व्यवहार के चलते वे जहां भी जाते रहे हैं वहां उनके मित्र, समर्थक बनते गये। प्रतिबद्ध कांग्रेस नेता होने के बावजूद पार्टी के लिहाज से लोगों से दूरियां नहीं रखते और प्रत्येक से खुलकर मिलते रहे हैं। ऐसे में हर किसी के पास ऐसा संस्मरण है जिसमें उसकी डूडी से घनिष्ठता और प्रेम झलकता है। यही वजह है कि पिछले दो सालों से जब डूडी अस्वस्थ हुए और इस बीच चुनाव घोषित हो गये तो डूडी समर्थकों ने नोखा से उनकी पत्नी सुशीला डूडी को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जिताया। यहां उल्लेखनीय यह भी है कि बीकानेर जिले की सात विधानसभा सीटों में से महज एक ही नोखा सीट पर कांग्रेस को जीत नसीब हुई। इसकी बड़ी वजह भी डूडी के प्रति प्यार और समर्थन है।
हुआ क्या था:
दो साल पहले रामेश्वर डूडी को जयपुर में अचानक तेज सिर दर्द हुआ। वे अचेत होने लगे। हॉस्पिटल लेकर गया जहां डॉक्टर्स ने ब्रेन हेमरेज बताते हुए इमरजेंसी ऑपरेशन किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हॉस्पिटल पहुंचे गये। वे डूडी को निजी हॉस्पिटल से पहले एसएमएस हॉस्पिटल ले गये। बाद में परिजनं एसएमएस से मेदांता हॉस्पिटल एयरलिफ्ट कर ले गये। मेदांता में लंबा इलाज चलने के बाद डूडी को दिल्ली में ही रखा गया था। अब बीकानेर वापस लाया गया है। वे अब भी अचेत स्थिति में हैं।