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बीकानेर,अजमेर,भरतपुर व कोटा के लोगों को राहत, अब मिलेगी लीवर जांच की सुविधा

 

Bikaner News: लीवर संबंधी गंभीर बीमारियों की जांच के लिए अब बायोप्सी के असहनीय दर्द से जल्दी ही छुटकारा मिल जाएगा। जल्द ही बीकानेर अजमेर, भरतपुर और कोटा के लिए फाइब्रोस्कैन मशीन खरीदने की तैयारी है। इससे लीवर फाइब्रोसिस की जांच दर्द रहित होगी।

इस मशीन के जरिए अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी की तरह पांच मिनट में जांच की रिपोर्ट सामने होगी। जांच स्कोर से पता चल जाएगा लीवर कितना फैटी है। राज्य सरकार ने बीकानेर, अजमेर, कोटा और भरतपुर मेडिकल कॉलेज के लिए फाइब्रोस्कैन मशीन खरीदने के लिए तीन करोड़ से अधिक का बजट मंजूर किया है।

 बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में 90 लाख रुपए से मशीन की खरीद होगी। स्पेसिफिकेशन सहित प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। यह मशीन अगले तीन चार महीने में इंस्टॉल हो जाएगी। प्रदेश में वर्तमान में जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के मेडिकल कॉलेज में ही फाइब्रोस्कैन मशीन है। यह एक विशेष अल्ट्रासाउंड मशीन है, जिसका उपयोग लीवर में फाइब्रोसिस (कठोरता) और स्टेटोसिस (वसा) को मापने के लिए किया जाता है।

मशीन लीवर की कठोरता और वसा की मात्रा का आकलन करने में मदद करती है। फाइब्रोस्कैन का उपयोग उन व्यक्तियों में लीवर के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए किया जाता है, जिनमें लीवर की बीमारी का खतरा हो। जैसे, हेपेटाइटिस बी और सी, अल्कोहलिक लीवर रोग, के नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग पन (एनएएफएलडी), अन्य पुरानी लीवर की बीमारियां हों।

बीकानेर एसपी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि पीबीएम हॉस्पिटल में फाइब्रोस्कैन मशीन जल्दी ही इंस्टॉल करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी खरीद के लिए 90 लाख रुपए के प्रस्ताव सरकार को भेज दिए गए हैं। मशीन आने के बाद लोगों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना होगा।

बीकानेर पीबीएम अस्पताल की गेस्ट्रोएंटोलॉजिस्ट एवं फाइब्रोस्कैन मशीन की नोडल ऑफिसर डॉ. जन वीनिता चौधरी ने बताया कि कि पीबीएम हॉस्पिटल में 50 प्रतिशत मरीज लीवर संबंधी बीमारियों के ही आते हैं। मशीन आने के बाद उनकी जांच और उपचार में काफी मदद मिलेगी। खान-पान और असंयमित दिनचर्या के कारण यहां के लोगों में मधुमेह और फैटी लीवर की समस्या बहुत ज्यादा है।

बीकानेर, अजमेर, भरतपुर व कोटा  के लोगों को राहत, अब मिलेगी लीवर जांच की सुविधा