मानसून की पहली बारिश में ही पानी सूरसागर में, नालों के जाम से सूरसागर झील बनी गंदा तालाब
क्या अगली बार जूनागढ़ की दीवार तोड़ेंगे
फिर वही कहानी दोहरा रही, निगमाधिकारियों को चिंता भी नहीं
रितेश जोशी
RNE Special.
आखिर वही हुआ, जिसका डर था। मानसून की पहली बारिश सोमवार को हुई और नगर निगम की पोल खुल गई। जगह जगह सड़कें तालाब बन गई तो नालों में तो थोड़े से पानी से ही उफान आ गया, ऐसा लगा जैसे किला तोड़ बारिश हुई है। जबकि ज्यादा बारिश भी नहीं हुई।
थोड़ी बारिश ने निगमाधिकारियों का चेहरा जनता के सामने साफ करके खड़ा कर दिया। रुद्रा न्यूज एक्सप्रेस लगातार एक महीने से निगम को सचेत कर रहा है कि मानसून से पहले नालों की सफाई हो, ताकि लोगों को तकलीफ न हो। मगर निगमाधिकारियों ने उपेक्षा की और हर छोटा बड़ा नाला, नालियां उफान पर आ गए थोड़ी सी बरसात में। रुद्रा का डर सच निकला।
गंदगी दे रही गवाही:
मंगलवार सुबह सड़कों व गलियों में गंदगी पसरी थी। सूरसागर गंदे पानी से भरा था। नाले फूलकर कुप्पा हो चुके थे। सड़क पर कागज, पॉलीथिन, अन्य गन्दगी पसरी थी और इस बात की साख भर रही थी कि मानसून से पहले निगम ने कुछ भी तैयारी नहीं की।
पहली बारिश, पानी सूरसागर में:
अभी तो मानसून की शुरुआत हुई है। पहली बारिश में ही पानी से सूरसागर भर गया। झील गंदे पानी का तालाब बन गई। गंदगी पानी के ऊपर तैरती साफ दिख रही है।
नालों का पानी सूरसागर में:
सूरसागर के आसपास नाले इस कारण बने थे कि बरसात का पानी उनके जरिये दूर चला जाये और सूरसागर में न गिरे। मगर हुआ उल्टा। बरसात के समय सूरसागर की सीढ़ियां झरना बन गई और नालों से पानी सूरसागर में पहुंच गया। यहां भी निगम की पोल खुली कि उसने सूरसागर के समीप के नालों की सफाई ही नहीं कराई।
अगली बारिश, जूनागढ़ की खाई....
अब हर नगरवासी को डर सता रहा है कि वर्तमान परिदृश्य के अनुसार तो अगली बार मानसून की बारिश तेज हुई तो कहीं पानी ऐतिहासिक जूनागढ़ की खाई में हर बार की तरह न डाल दिया जाये।
फिर वही कहानी.....
ये तो मानसून की फिर से वही कहानी सुनाई जा रही है जो पिछले दशकों से बीकानेर की जनता को सुनाई व दिखाई जा रही है। जनता एक ही कहानी देखते और सुनते उकता गई है, मगर निगमाधिकारियों को कोई चिंता नहीं। जनता को यहां रहना है, अधिकारियों को एक अवधि के बाद अन्यत्र जाना है।
कलेक्टर साहिबा! आप दखल दें:
मानसून की पहली बारिश ने निगम की तो पोल खोल दी। अब समय नहीं कि स्थितियों में निगम सुधार कर ले। अब तो आस संवेदनशील कलेक्टर साहिबा से ही है। उनके दखल से ही हालात काबू में आ सकेंगे। मगर उनसे ये भी गुजारिश है कि जिसने जिम्मेदारी नहीं निभाई, उन सब के खिलाफ विभागीय कार्यवाई जरूर हो। एक ठोस प्रशासनिक पहल तो अब समय की मांग है।
रुद्रा न्यूज एक्सप्रेस के सवाल:
- क्या गारंटी कि अगली मानसून की बारिश में नालों, नालियों से उफान के बाद गन्दगी सड़कों पर नहीं पसरेगी ?
- गंदा पानी, आसपास के नालों का पानी सूरसागर झील में नहीं जायेगा, ऐसा होगा क्या ?
- नालों व नालियों के उफान से सड़क पर आई गन्दगी दूसरे दिन साफ हो जाएगी क्या ?
- क्या इस बार बरसात के पानी के लिए जूनागढ़ की दीवार नहीं टूटेगी ?
- क्या कलेक्टर साहिबा गैर जिम्मेवार अधिकारियों, कार्मिकों, ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाई करेंगी ?