Watershade : मोदी सरकार ने बीकानेर के बज्जू सहित राजस्थान के 15 गांवों को दिया खास पुरस्कार
RNE Jaipur-Bikaner.
जल ग्रहण विकास के लिहाज से खास काम करने वाली राजस्थान की 15 परियोजनाओं को भारत सरकार ने पुरस्कार दिये हैं। इनमें बीकानेर जिले की बज्जू खालसा पंचायत समिति भी शामिल है। शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर की मौजूदगी में गुरुवार को वाटरशेड महोत्सव के राज्य स्तरीय समारोह के मौके पर इन पंचायत समितियों को 20-20 लाख रुपए के पुरस्कार चेक वितरित हुए।
राजस्थान की इन परियोजनाओं को पुरस्कार
दरअसल भारत सरकार द्वारा इस अवसर पर जल ग्रहण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली वोटर शेड मिशन की विजेता 15 परियोजनाओं को 20-20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के चेक वितरित किए गए। इनमें उदयपुर जिले की पंचायत समिति कुराबड़, पंचायत समिति कोटड़ा, पंचायत समिति ऋषभदेव, पंचायत समिति नया गांव, पंचायत समिति भींडर एवं पंचायत समिति वल्लभ नगर, राजसंमद जिले की पंचायत समिति भीम,
फलौदी जिले की पंचायत समिति घंटियाली एवं पंचायत समिति लोहावट, बीकानेर जिले की पंचायत समिति बज्जूखालसा, भरतपुर जिले की पंचायत समिति भुसावर एवं बयाना तथा खैरतल तिजारा जिले की पंचायत समिति मुंडावर, झालावाड़ जिले की पंचायत समिति बकानी एवं झूंझूनूं जिले की पंचायत समिति बुआना की परियोजना को पुरस्कार वितरित की गई। इन परियोजनाओं में सर्वाधिक कार्य और जन सहयोग के कारण इन्हें पुरस्कार के लिए चुना गया।
वाटरशेड महोत्सव शुभारंभ समारोह
कोटा जिले की खैराबाद पंचायत समिति के उण्डवा गांव में वाटरशेड महोत्सव के राज्य स्तरीय समारोह का गुरुवार को शुभारंभ हुआ। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे। इस मौके पर दिलावर ने कहा कि प्रदेश में कई स्थानों पर भूजल स्तर काफी नीचे पहुंच गया है, भूमि में नमी नहीं होने से वनस्पतियां उत्पादित नहीं हो रही हैं और मिट्टी के निरंतर कटाव से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए हमें बारिश के पानी को एकत्र कर भूजल रिचार्ज बढ़ाने के लिए जल ग्रहण विकास के कार्य करने होंगे। साथ ही, पेड़-पौधे लगाकर मिट्टी का कटाव रोकने एवं नदियों, तालाबों तथा परम्परागत जल स्त्रोतों के पुनरुद्धार के कार्य मिशन वाटरशेड के तहत करने होंगे। इन्हीं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आज से उण्डवा में राज्य स्तरीय वाटरशेड महोत्सव एवं मिशन जल ग्रहण पुनरुत्थान कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है।
राजस्थान में 159 जगह होंगे आयोजन
दिलावर ने कहा कि प्रदेश में सभी 159 जल ग्रहण विकास परियोजनाओं में इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर आमजन में जागरूकता पैदा की जाएगी और वाटर शेड का महत्व समझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों के पुनरुद्धार से भूजल स्तर बढ़ेगा, भूमि में नमी से हरियाली बढ़ेगी और जानवरों के लिए चारा उत्पादित होगा। इससे प्रदेश की तस्वीर भी बदलेगी। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि मिशन जल ग्रहण पुनरुत्थान एवं वाटर शेड महोत्सव में बढ़ चढ़कर भाग लें।
बबूल को खत्म करेंगे समूल
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि विलायती बबूल जूलीफ्लोरा ने प्रदेश में 500 प्रकार की वनस्पतियों को समाप्त कर दिया है, गहरी जड़ें होने के कारण विलायती बबूल प्रतिदिन 30 लीटर पानी सोंखता है और इससे भूजल स्तर काफी तेजी से नीचे जाता है। उन्होंने कहा कि इससे निकलने वाली जहरीली गैसों से बीमारियां फैलती हैं एवं मिट्टी भी अनुपजाऊ हो जाती है।
देशी वनस्पतियों को खा रहे इस राक्षस को पूरे प्रदेश से हटाने के लिए विलायती बबूल हटाओ-चारागाह बचाओ अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायतें अपने कोष से पैसा खर्च कर जूलीफ्लोरा को जड़ से उखाड़कर नष्ट करें। उन्होंने कहा कि जहां विलायती बबूल है वहां से उसे समूल नष्ट कर उन जगहों पर चरागाहों का विकास किया जाएगा।
पाटली नदी को पुनर्जीवित किया
दिलावर ने कहा कि नदी, तालाब एवं परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुद्धार अभियान के तहत रामगंजमंडी क्षेत्र की वर्षों पुरानी पाटली नदी को पुनर्जीवित किया गया है। इस नदी के पानी से 50 हजार बीघा से अधिक जमीन सिंचित होगी। राजस्थान पहला राज्य है जहां देसी वनस्पतियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बीज बैंक बनाए गए हैं। उन्होंने इस अवसर पर मोबाइल बीच बैंक मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया। इसके माध्यम से वानस्पतिक बीज बैंकों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
जल जहां गिरे वहीं एकत्र हो
निदेशक जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण मोहम्मद जुनैद ने कहा कि पूरे देश में अकृषि भूमि को कृषि भूमि में परिवर्तित करने, गिरते भू-जल में सुधार एवं किसानों की आय में वृद्धि के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-2.0 शुरू की गई है। इसमें भारत सरकार द्वारा पूरे देश में 2000 करोड़ रुपए के कार्यों की स्वीकृति दी गई है इनमें खैराबाद पंचायत समिति में भी 11 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में श्रीगंगानगर एवं बांसवाड़ा को छोड़कर सभी जिलों में 159 परियोजनाएं चल रही हैं।
अच्छी रील बनाने वालों को 50 हजार मिलेंगे
अतिरिक्त निदेशक जल ग्रहण विकास श्री आनंद सिंह ने वाटर शेड महोत्सव के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि 4 नवम्बर से 16 दिसम्बर तक मिशन वाटर शेड पुनर्त्थान के तहत आमजन को जल ग्रहण विकास कार्यों से जोड़ने के लिए जन जागृति पैदा की जाएगी। प्रदेश में संचालित 159 परियोजना में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर जल ग्रहण विकास से जुड़ी उत्कृष्ट रील बनाने वाले 4 विजेजाओं को 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार एवं 100 उच्च क्वालिटी के फोटोग्राफ का चयन कर एक-एक हजार रुपये प्रति फोटो पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विजेता का चयन एक कमेटी द्वारा किया जाएगा और पुरस्कार वाटर शेड महोत्सव के समापन के अवसर पर दिए जाएंगे।