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crypto currency : क्रिप्टो करेंसी अब निवेशकों को कर देगी मालामाल, इस ताकतवर देश ने दी मंजूरी 

ब्रिक्स देशों की बैठक में भी यह मुद्दा उठाने के बाद भारत का कर रहा विचार 
 

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की किश्मत खुलने वाली है और क्रिप्टो करेंसी उनको मालामाल करने वाली है। क्रिप्टो करेंसी को मंजूरी देने के लिए हर देश में चर्चा चल रही है। भारत में भी क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ने से केंद्र सरकार चिंता में है और इसको रेगुलेट करने की तैयारी में है। हाल ही में ब्रिक्स देशों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और इसके बाद भारत इस पर विचार कर रहा है।

इसके अलावा अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिप्टो करेंसी की निगरानी की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए 'जीनियस' (गाइडिंग एंड ऐस्टेब्लिशिंग नेशनल इनोवेशन फॉर यूएस स्टेबलकॉइन्स) एक्ट पर हस्ताक्षर कर दिया। इसी के साथ अमरीका ने डिजिटल फाइनेंस की दिशा में बड़ी पहल कर दी।

भारत सहित दुनियाभर में पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो करंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। सरकारें इससे चिंतित हैं। क्रिप्टो करंसी को रेगुलेट करने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जाती रही है। हाल में संपन्न ब्रिक्स देशों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। भारत सरकार भी इसे रेगुलेट करने के बारे में सोच रही है। 'जीनियस' कानून स्टेबलकॉइन के लिए पहला व्यापक संघीय ढांचा स्थापित करेगा, जो एक प्रकार का क्रिप्टो है।

इसका मूल्य अमरीकी डॉलर के साथ 1:1 अनुपात बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है। अब तक स्टेबलकॉइन कानूनी रूप से अस्पष्ट क्षेत्र में काम करता रहा है, जहां उपभोक्ताओं की सुरक्षा, वित्तीय अस्थिरता को रोकने या दुर्भावनापूर्ण तत्वों द्वारा शोषण को सीमित करने के लिए बहुत कम सुरक्षा उपाय मौजूद थे। 

डॉलर के वर्चस्व को मिलेगी मदद

इस विधेयक के समर्थकों का कहना है कि यह डिजिटल असेट क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी स्पष्टता प्रदान करने के साथ ही डॉलर के वैश्विक प्रभुत्व को मजबूत करेगा। कानून में रिजर्व असेट को डॉलर या ट्रेजरी में रखने की अनिवार्यता के जरिए, इस विधेयक से अमरीका में सरकारी ऋण की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे निजी नवाचार प्रभावी रूप से डॉलर की मौद्रिक मजबूती से जुड़ जाएगा। स्टेबलकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टो करंसी है, जिसमें डिजिटल असेट के मूल्य को एक बाहरी संदर्भ असेट जैसे डॉलर या सोने से जोड़ दिया जाता है।

क्रिप्टो जारी करने वालों को डॉलर में रखना होगा रिजर्व

यह कानून स्टेबलकॉइन मुदा जारी करने वालों के लिए प्रथम राष्ट्रव्यापी रेगुलेशन मानक है। स्टेबलकॉइन जारी करने वालों को बराबर अनुपात में डॉलर या अल्पकालिक ट्रेजरी रिजर्व रखना होगा। इन्हें हर महीने अपने आरक्षित निधि की संरचना का सार्वजनिक रूप से खुलासा करना होगा। यदि उनका प्रचलन 50 अरब डॉलर से अधिक है, तो उन्हें वार्षिक ऑडिट से गुजरना होगा। स्टेबलकॉइन जारीकर्ताओं को ब्याज या ऐसे ही अन्य लाभ देने से प्रतिबंधित कर दिया है।