Reduced Petrol Rates : कच्चे तेल में गिरावट, सरकार घटाएंगे पेट्रोल व डीजल के रेट
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के रेट में लगातार गिरावट चल रही है। वैश्विक हालात के चलते कच्चे तेल के दामों पर दबाव बनाया हुआ है, इसके कारण कच्चा तेल 67 डालर प्रति बैरल पर चल रहा है। इसी बीच में भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बयान आया है और उन्होंने पेट्रोल व डीजल के दामों में कमी के संकते दिए है।
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा 65 डालर के आसपास बनी रहीं तो तीन-चार महीनों में देश में पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र की सभी तेल कंपनियों के पास 21 दिनों का भंडार है।' बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत 67 डालर प्रति बैरल रहीं। वैश्विक स्तर पर भारी अनिश्चितता के बावजूद भारत में कमोवेश पिछले साढ़े तीन वर्षों में पेट्रोल, डीजल की खुदरा कीमतें स्थिर रही हैं।
अमेरिका के दबाव को किया दरकिनार
अमेरिका की तरफ से भारत पर रुस से तेल नहीं खरीदने के दबाव को पेट्रोलियम मंत्री ने दरकिनार कर दिया और कहा कि हम अपनी जरूरत के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहां एनर्जी उपलब्ध होती है, वहां से खरीद रहे हैं और आगे भी ऐसा किया जाएगा। जहां तक किसी एक देश से तेल खरीदने की बात है तो अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल के पर्याप्त विक्रेता है और भारत के पास पर्याप्त तेल भंडार भी है।
भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है और इसे रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। परंपरागत तौर पर पश्चिम एशिया मुख्य स्रोता था, लेकिन रूस लगभग तीन सालों से मुख्य आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। फरवरी, 2022 में मास्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिम के अधिकांश देशों ने रूसी कच्चे तेल से दूरी बना ली।