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Lahsun ka Bhav : लहसुन के भाव में तेज उछाल, राजस्थान की मंडियों में 20 दिन में दोगुने हुए रेट 

देशभर की लहसुन मंडियों में इस समय कीमतों में तेज उछाल दर्ज हो रहा है। राजस्थान की भदवासिया फल-सब्जी मंडी में पिछले सिर्फ 20 दिनों में लहसुन के थोक भाव लगभग दोगुने हो गए हैं।
 

देशभर की लहसुन मंडियों में इस समय कीमतों में तेज उछाल दर्ज हो रहा है। राजस्थान की भदवासिया फल-सब्जी मंडी में पिछले सिर्फ 20 दिनों में लहसुन के थोक भाव लगभग दोगुने हो गए हैं। तिंवरी और मथानिया क्षेत्र का लहसुन, जो हाल तक 30 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, अब 70 से 100 रुपए प्रति किलो पर कारोबार कर रहा है।

वहीं मध्य प्रदेश और कोटा से आने वाला लहसुन 100 से 140 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच चुका है। जानकारों ने बताया कि कीमतों में यह तेजी नहीं, बल्कि बिगड़ी सप्लाई चेन केवल मांग-आपूर्ति की चाल और नई फसल की देरी का परिणाम है।

आवक हुई आधी बाजार बाहरी सप्लाई पर निर्भर

भदवासिया मंडी से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दस दिनों  में रोजाना सिर्फ 350 से 400 कट्टों की आवक दर्ज हो रही है।  जबकि कुछ सप्ताह पहले तक यह आंकड़ा 700 से 1000 कट्टों के बीच था। एक कट्टे में 30-40 किलो लहसुन आता है, ऐसे में आपूर्ति में भारी गिरावट ने सीधे-सीधे भावों को ऊपर धकेला है।  मंडी में बिक रहे कुल लहसुन का लगभग 70 फीसदी हिस्सा  मध्य प्रदेश और कोटा से आ रहा है। स्थानीय उत्पादन सीमित होने के कारण पूरा बाजार बाहरी आपूर्ति पर टिका हुआ है।

जनवरी अंत में एमपी से नई आवक, मार्च-अप्रैल में राजस्थान की फसल

भदवासिया फल-सब्जी मंडी के सचिव दुर्गाराम जाखड़ ने जानकारी दी कि जनवरी के अंतिम सप्ताह से मध्य प्रदेश में नई लहसुन की आवक शुरू हो सकती है। उसके बाद आपूर्ति सुधरेगी और रेट कुछ शांत हो सकते हैं।

जाखड़ ने बताया कि एमपी, कोटा और राजस्थान में बुवाई के समय बारिश होने से फसल लेट हो गई। जोधपुर, फलोदी व कोटा क्षेत्र में स्थानीय नई फसल की मंडी में आवक मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल तक ही संभव है। मंडी ब्रोकर हीरालाल सांखला के अनुसार किसानों के पास अब पुराना लहसुन बहुत कम बचा है।

20 हजार बीघा क्षेत्र में बुवाई

कृषि विभाग के अधिकारी बाबूलाल जोया ने बताया कि जोधपुर और फलोदी जिलों में कुल मिलाकर लगभग 20 हजार बीघा क्षेत्र में लहसुन की खेती की गई है। आवक घटने और मांग बढ़ने का प्रभाव खुदरा बाजार में भी साफ दिखाई देने लगा है। कुल मिलाकर नई फसल की व्यापक आवक से पहले लहसुन की कीमतों में राहत की उम्मीद बेहद कमजोर है।