{"vars":{"id": "127470:4976"}}

Gold Demand Decreased : बढ़ी कीमतों के चलते कई समाज के लोगों ने सोने के लेन-देन पर लगाई रोक, डिमांड हुई कम 

सोने की बढ़ती कीमतों के चलते आम आदमी द्वारा बच्चों की जा रही शादी में भारी बोझ पड़ रहा है। इसके बाद इन समाज के लोग आगे आए हैं और सोने के लेन-देन पर ही रोक लगाना शुरू कर दिया है
 

पिछले एक साल में सोने की कीमतों में काफी उछाल आया है। इस उछाल से जहां सोने में निवेश करने वाले लोगों में खुशी दिखाई दी, लेकिन आम आदमी इन बढ़ी हुई कीमतों से खुश नहीं है। इसके कारण आम आमदी ने सोने से दूरी बनानी शुरू कर दी है। इसके कारण सोने की डिमांड कम हो गई है। सोने की बढ़ती कीमतों के चलते आम आदमी द्वारा बच्चों की जा रही शादी में भारी बोझ पड़ रहा है।

इसके बाद इन समाज के लोग आगे आए हैं और सोने के लेन-देन पर ही रोक लगाना शुरू कर दिया है। जहां पर सोने की जगह पर दूसरे विकल्प तलाश किए जा रहे हैं। शादी-ब्याह या अन्य सामाजिक समारोह में गहनों का लेन-देन भारतीय परंपराओं का हिस्सा है और अब यह जेब पर भारी पड़ रहा है। सोने की इस तेजी ने समाज के रिवाजों को पुनर्निधारित करने पर मजबूर कर दिया।

एक तरफ जहां हल्के और कम कैरेट सोने से बने गहनों का चलन बढ़ा तो दूसरी ओर देश के कई हिस्सों में शादियों मैं सोने के आभूषण देने पर रोक लगा दी या मात्रा घटा दी। समाजों का कहना कि दिखावे के चक्कर में आम आदमी को गहनों के लिए कर्ज लेने के झंझट से मुक्ति मिलेगी तो समानता का भाव भी आएगा। उधर परिवारों ने भी बीच का रास्ता निकाल लिया है। पुराने गहनों को बदलकर नए गहने लेने लगे हैं। हालांकि गोल्ड रिसायकल का ये चलन नया नहीं है, लेकिन ज्वैलर्स बताते हैं कि अब लोग ज्यादा आ रहे है।

किस समाज ने लगाई सोने पर रोक

उत्तराखंड के कंधार, जोनसार व इंद्राणी गांव में निर्णय लिया गया कि शादी में सोने के तीन गहने (नथ, बाली और मंगलसूत्र) से ज्यादा गहने नहीं पहन सकेंगे। अगर इससे ज्यादा सोना दिया तो 50 हजार तक जुर्माना होगा। 
साबरकांठा के डूंगरी गरासिया समुदाय ने सोने के गहनों पर रोक लगाई, चांदी के गहनों को कम किया। कच्छ के अहीर समुदाय ने सोने के हल्के गहनों पर जोर दिया है।

राजस्थान में भी इन समाज ने लगाई रोक 

मेवाड़ जाट महासभा भीलवाड़ा व जाट समाज गुलाबपुरा आभूषणों के लेनदेन की सीमा तय कर चुका है। जोधपुर व अजमेर में माली समाज, प्रगतिशील राजपूत सभा, कोली समाज भी सीमा तय करेगा। दाधीच समाज सेवा समिति जोधपुर संभाग रविवार को निर्णय करेगा।

गहने स्त्रीधन, लेकिन अब निवेश बेहतर

गहने स्त्रीधन होते हैं, इसलिए हर महिला को प्रिय होते हैं। सोने की कीमतें बढ़ने से इसकी मात्रा में कमी आना स्वाभाविक है। इसलिए ज्यादा गहनों की बजाय उससे आधी भी राशि का निवेश किया जाए तो बेहतर है। इससे महिलाओं में आत्मनिर्भरता का भाव भी आएगा।