इस सेक्टर में बनाए करियर, आईटी से भी 67 प्रतिशत ज्यादा सैलरी
टेक फ्रेशर्स अब आईटी कंपनियों के मुकाबले ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) और स्टार्टअप्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आईटी कंपनियों की संस्था नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, जीसीसी और स्टार्टअप्स में कैरियर ग्रोथ के अलावा ऊंची सैलरी और काम का लचीलापन फ्रेशर्स को आकर्षित कर रहे हैं। जीसीसी में फ्रेशर्स का सालाना औसत वेतन 5 लाख रुपए से ज्यादा है। दूसरी तरफ आईटी कंपनियों में फ्रेशर्स को 3-5 लाख रुपए ही सैलरी मिलती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कैंपस हायरिंग इकोसिस्टम में जीसीसी और स्टार्टअप की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। ये संगठन टियर 2 और 3 दर्जे के शहरों में भी सक्रिय रूप से नई प्रतिभाओं की तलाश कर रहे हैं। खासकर डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी फील्ड में डिमांड ज्यादा है।
64 प्रतिशत जीसीसी इस साल 20 प्रतिशत हायरिंग बढ़ाएंगे
जीसीसी के 42 प्रतिशत लोगों को उम्मीद है कि 2030 तक फ्रेशर्स की हायरिंग में 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी होगी। 64 प्रतिशत जीसीसी इस साल नई भर्तियों में 20 प्रतिशत तक ग्रोथ की उम्मीद जताई है। जबकि 9 प्रतिशत ने 50 प्रतिशत ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद जताई है। भारत में 78 प्रतिशत कंपनियां अब औपचारिक योग्यता (डिग्री) की तुलना में स्किल को प्राथमिकता देती हैं। जीसीसी और आईटी फर्म क्रमशः 85 प्रतिशत और 71 प्रतिशत के साथ इस बदलाव में आगे हैं।
नैसकॉम इनसाइट्स के सीनियर डायरेक्टर अच्युता घोष कहते हैं, 'कैंपस में जीसीसी और स्टार्टअप की बढ़ती मौजूदगी, और डिग्री के साथ ही प्रदर्शन योग्य योग्यताओं पर जोर, छात्रों को पेशेवर सफलता के लिए तैयार करने के तरीके में बदलाव का संकेत है।