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Mining Rajasthan : 16 जुलाई तक 2504 करोड़ कमाए,पिछले साल से 125 करोड़ ज्यादा

 

 RNE Jaipur.

खान एवं भूविज्ञान विभाग इस साल राजस्व वसूली का नया रेकार्ड कायम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। खान, भूविज्ञान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि 16 जुलाई तक खान विभाग द्वारा 2504 करोड़ रु. से अधिक का राजस्व संग्रहित कर लिया है जो गत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में करीब सवा सौ करोड़ अधिक है। खान विभाग के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक के दौरान उन्होंने सोमवार को फील्ड अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि राजस्व वसूली में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 
टी. रविकान्त सोमवार को वीसी के माध्यम से विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली में किसी तरह की छीजत नहीं होनी चाहिए वहीं पुराने बकाया राशि की वसूली के भी ठोस प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यवाही के दौरान लगाई गई शास्ती की वसूली भी सुनिश्चित हो।
टी. रविकान्त ने कहा कि सरकार द्वारा डीएमएफटी के नए नियम जारी कर दिए हैं। राज्य और केन्द्र सरकार डीएफएफटी क्रियान्वयन को लेकर गंभीर है। फील्ड अधिकारी जिला कलक्टरों से मिलकर प्रतिनिधियों का मनोनयन करवायें वहीं सदस्य सचिव मुख्यकार्यकारी जिला परिषद से समन्वय बनाते हुए समिति की बैठक कराकर कार्यों की रुपरेखा को अंतिम रुप दे। हरियालो राजस्थान की चर्चा करते हुए उन्होंने पौधारोपण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।
निदेशक माइंस दीपक तंवर ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष राजस्व वसूली लक्ष्यों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। इसे प्राप्त करने के लिए हमें अभी से ठोस रणनीति बनाकर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हांलाकि गत साल की इसी अवधि की तुलना में 124. 82 करोड़ रु. की अधिक राजस्व अर्जन किया जा चुका है पर इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है।
अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर ने हरियालो राजस्थान की प्रगति की जानकारी दी। सह—नोडल अधिकारी एमओयू श्री संजय सक्सैना ने राइजिंग राजस्थान के दौरान हुए एमओयू व रिप्स प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी।
वीसी में अतिरिक्त निदेशक पीआर आमेटा, एमपी मीणा, वाईएस सहवाल, वित्तीय सलाहकार गिरिश कछारा, एसएमई एनएस शक्तावत, ओपी काबरा, सुनील शर्मा, सतीश आर्य, जय गुरुबख्सानी, भीम सिंह, ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी सचिवालय सुनील वर्मा सहित उदयपुर मुख्यालय व फील्ड से विभाग के एसएमई, एमई, एएमई स्तर तक के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।