Pearls Group Bid : पर्ल्स ग्रुप निवेशकों की जगी उम्मीद, कंपनी की चार राज्यों की संपत्तियां होगी नीलाम
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित आरएम लोढ़ा समिति ने कंपनी की संपत्तियों को बेचने के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया शुरू कर दी है। नीलामी 29 सितंबर को होगी।
सात साल में दोगुना करने का झांसा देने के नाम 50 हजार करोड़ रुपये की ठगी मामले में पर्ल्स ग्रुप की हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल समेत चार राज्यों के आठ जिलों में कुल 611 करोड़ रुपए की संपत्तियों की नीलामी होंगी। इससे पहले 6 राज्यों के 12 जिलों की संपत्तियों की नीलामी में लगभग 700 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी।
इसमें सोनीपत की संपत्ति 567 करोड़, सिरसा की 35.69 करोड़, नूंह की 23 करोड़ और अंबाला की 21 करोड़ रुपये में बिकी थी। अब दूसरी संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित आरएम लोढ़ा समिति ने कंपनी की संपत्तियों को बेचने के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया शुरू कर दी है। नीलामी 29 सितंबर को होगी।
समिति द्वारा तय प्रॉपर्टी मूल्य
पानीपत (हरियाणा) 132 करोड़ रुपये
पंचकूला (हरियाणा) 449 करोड़ रुपये
गुंटूर (आंध्र प्रदेश) 13 करोड़ रुपये
कृष्णा (आंध्र प्रदेश) 2.33 करोड़ रुपये
कडप्पा (आंध्र प्रदेश) 2.34 करोड़ रुपये
दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक) 50 लाख अ
चामराजनगर (कर्नाटक) 88 लाख रुपये
एर्नाकुलम (केरल) 10 करोड़ रुपये
2000 करोड़ की बिक्री की उम्मीद
पर्ल्स इन्वेस्टर्स वेलफेयर ट्रस्ट के प्रधान मनदीप काजला ने बताया कि इस बार की नीलामी से 2000 करोड़ तक की बिक्री होने की संभावना है, जिससे निवेशकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
यह है पूरा मामला
पर्ल्स कंपनी का घोटाला देश के सबसे बड़े निवेश घोटालों में से एक है। इसमें 5 करोड़ लोगों के 50 हजार करोड़ रुपए फंसे। कंपनी ने 1990 के दशक में इसकी शुरुआत की थी। खुद को रियल एस्टेट और कृषि भूमि विकास से जुड़ी कंपनी बताया। लोगों से कहा गया कि निवेश के बदले उन्हें कृषि भूमि या मोटा मुनाफा मिलेगा।
असल में यह एक पोंजी स्कीम थी। नए निवेशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को भुगतान किया गया। 2014 में सेबी ने पीएसीएल पर अवैध सामूहिक निवेश योजना चलाने का आरोप लगाया। जांच में सामने आया कि कंपनी ने बिना अनुमति इतनी बड़ी रकम जुटाई।
सेबी ने कंपनी को आदेश दिया कि वह निवेशकों का पैसा लौटाए। वहीं सेबी ने ने रिफंड के लिए एक कमेटी बनाई। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर. एम. लोढ़ा कर रहे हैं। कई चरणों में ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लेकर निवेशकों को पैसा लौटाया जा रहा है। रिफंड प्रक्रिया अभी भी जारी है। लेकिन सभी निवेशकों को पूरी राशि मिल पाना अब भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। फिर भी लोगों को उम्मीद बनी हुई है।