{"vars":{"id": "127470:4976"}}

तुवर दाल के दाम हुए धड़ाम, तीन साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंचे रेट 

तुअर दाल की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो से नीचे लुढ़क चुकी
 

तुवर की कीमतों में आई मंदी से इसकी दाल के दाम 3 साल के नीचले स्तर पर चले गएहै। तुवर दाल के भाव में कमी आने से उपभोक्ताओं का राहत मिली है। बताया जा रहा है कि दलहनों के बढ़ते आयात से कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण है। इस बीच कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि चालू खरीफ सीजन में दलहन फसलों के तहत रकबे में बढ़ोतरी हुई है।

कर्नाटक के कलबुर्गी और महाराष्ट्र के लातूर जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में तुअर दाल की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो से नीचे लुढ़क चुकी हैं। इसी के साथ तुवर दाल का यह भाव तीन साल में रिकॉर्ड कम पर पहुंच चुका है।

व्यापारिक सूत्रों का कहना है थोक में तुवर दाल का भाव 71 से 85 रुपये प्रति किलो के दायरे में बना हुआ है। वहीं, सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली तुवर दाल का रेट 98 से 105 रुपए प्रति किलो है। उन्होंने कमजोर मांग और पर्याप्त आपूर्ति को कीमतों में गिरावट का कारण बताते हुए कहा कि मौजूदा कीमतों में पिछले साल के इसी समय की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। तुअर की वर्तमान कीमतें साल 2022 के बाद से सबसे कम पर हैं।

उन्होंने बताया कि बीते दो सालों के दौरान तुअर के कम उत्पादन ने इस दाल की कीमत को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया था। उन्होंने बताया कि कीमतों में नरमी का कारण दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयात है। तुवर के आयात के लिए शुल्क मुक्त अवधि मार्च 2026 तक बढ़ा दी गई है। वित्त वर्ष 25 के दौरान, भारत का तुअर आयात बढ़कर 12.23 लाख टन से अधिक हो गया, जो पिछले साल के 7.71 लाख टन से 59 प्रतिशत अधिक है