silver Shortage : बाजार से गायब हुई चांदी, जबरदस्त खरीदारी के चलते रेट से 20 हजार रुपये ज्यादा बिक रही चांदी
चांदी की रिकॉर्ड कीमतों ने निवेशकों को तो तगड़ा मुनाफा करा दिया, लेकिन अब सर्राफा बाजार परेशानी में पड़ता दिख रहा है। इस बार निवेश के लिए चांदी इतनी खरीद ली गई है कि बाजार यह लगभग गायब हो गई है।
त्योहारी सीजन में देश के हर बड़े शहर का सर्राफा शुद्ध चांदी की किल्लत से जूझ रहा है। बैंकों से शुद्ध चांदी की आपूर्ति लगभग आधी हो रही है। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार, सिल्वर ईटीएफ के साथ फिजिकल चांदी में निवेश बढ़ने, सीमित आयात और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतों से घरेलू आपूर्ति चरमरा गई है।
ग्लोबल लेवल पर चांदी की डिमांड और सप्लाई का गैप 20 प्रतिशत से अधिक हो गया है। वहीं भारत में चांदी की मांग के मुकाबले सप्लाई 25 प्रतिशत कम है। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में चांदी की सप्लाई मांग के मुकाबले 60 प्रतिशत तक कम है। उत्तर प्रदेश में चांदी मांग 100 टन तक पहुंच गई है, लेकिन आपूर्ति सिर्फ 35 से 40 टन हो पा रही है।
इसी तरह एमपी में मांग 18 से 20 टन है, पर आपूर्ति केवल 6 से 8 टन की हो रही है। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि डिमांग और सप्लाई का गैप दिवाली-धनतेरस तक और तेजी से बढ़ने की आशंका है। ग्लोबल लेवल पर चांदी की डिमांड के मुकाबले सप्लाई में करीब 20 प्रतिशत तक की कमी के कारण इसके दाम आसमान छू रहे हैं।
20,000 रुपए प्रति किलो महंगी बिक रही
थोक बाजारों में चांदी एमसीएक्स के रेट से करीब 20,000 रुपए प्रति किलो महंगी बिक रही है। वहीं, कॉम्क्स फ्यूचर और स्पॉट मार्केट के बीच 250 सेंट का अंतर अब तक का सबसे ऊंचा है, जो गहरे सप्लाई संकट की ओर इशारा कर रहा है।
गोल्ड-सिल्वर रेश्यो 78.8 तक गिर चुका है, जो इस बात का संकेत है कि निवेशकों का झुकाव अब तेजी से चांदी की ओर बढ़ रहा है। कमोडिटी एक्सपर्ट नितिन केडिया ने कहा, मार्केट में ऐसा माहौल है जैसे कल तक फिजिकल चांदी की उपलब्धता ही खत्म हो जाएगी। कुछ लोग गोल्ड को मॉर्गेज कर चांदी खरीद रहे हैं।
काम में 50 प्रतिशत तक गिरावट
सर्राफा बाजार से जुड़े लोगों का कहना है कि चांदी की किल्लत का असर दीवाली पर दिख सकता है और चांदी के सिक्कों, मूर्तियों, बर्तनों की कमी बाजार में दिख सकती है। हर साल धधकने वाली सर्राफों की भट्टियां ठंडी पड़ रही हैं। कारीगरों के औजार थमे हुए हैं। धनतेरस, दीवाली को लेकर चांदी के सिक्कों-मूर्तियां और पूजन सामग्री बनाने के काम 50 प्रतिशत घटे हैं।
10 दिन में 22,000 चढ़ी चांदी
चांदी कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि का दौर जारी है। बीते 10 दिनों में इसकी कीमतों में 22,000 रुपए का रिकॉर्ड उछाल आ चुका है। यह किसी भी कारोबारी सत्रों में सबसे अधिक बढ़ोतरी है। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में चांदी की कीमतें 17,500 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ी है। कीमतों में तेजी का दौर आगे भी संभव है।
क्या करें निवेशक
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा स्तरों से चांदी अगले सालभर में और बढ़ सकती है। सिल्वर ईटीएफ की बढ़ती मांग ने फिजिकल मार्केट में भाव आसमान पर पहुंचा दिया है। अमरीका में इंटरेस्ट रेट घटने की संभावना है और ऐसा होने पर डॉलर और नीचे आएगा, जिससे कीमती धातुओं के भाव चढ़ेंगे। लंबी अवधि में चांदी सकारात्मक दिख रही, लेकिन मौजूदा ऊंचे स्तरों पर भावनात्मक खरीदारी से बचना चाहिए। मौजूदा तेजी का बने रहना इंडस्ट्रियल डिमांड, ईटीएफ इनफ्लो और ग्लोबल मॉनेटरी पॉलिसी पर निर्भर करेगा।
दुनियाभर में कम आपूर्ति
भारत में हर साल लगभग 700 टन चांदी का उत्पादन होता है, जबकि खपत सात हजार टन से अधिक। दुनियाभर में चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ी है लेकिन आपूर्ति स्थिर। इंडोनेशिया और चिली जैसी जगहों पर चांदी की खदानें बंद होने दबाव और बढ़ा। सरकार ने आसियान देशों से चांदी के आयात पर प्रतिबंध लगाया। केंद्रीय बैंकों और निवेशकों ने सोने-चांदी जैसे सुरक्षित विकल्प में भारी निवेश बढ़ाया।