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Soybean Rate : सोयाबीन फसल खराब हुई तो अब सरकार ने शुरू की भावांतर योजना 

सोयाबीन की खरीदी के लिए मॉडल रेट ही तय नहीं हो पाए है और खरीदी के 15 दिन में राशि किसानों के खाते में भेजने का दावा किया जा रहा है।
 

खरीफ सीजन में एमपी की प्रमुख सोयाबीन फसल खराब होने के बाद किसानों को राहत देने के नाम पर फिर से भावांतर योजना शुरू की। लेकिन इसमें जिले के अन्नदाताओं ने रुचि नहीं दिखाई। ढाई लाख किसानों वाले जिले में सिर्फ 41 हजार ने ही भावांतर में सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन कराया है। सोयाबीन कटाई का दौर अब पूरा होने वाला है।

ऐसे में 17 अक्टूबर तक चले पंजीयन के दौर के बाद 24 अक्टूबर से भावांतर में खरीदी होगी। खरीदी मंडियों में होगी और उस पर निगाह भी रखी जाएगी लेकिन सोयाबीन की खरीदी के लिए मॉडल रेट ही तय नहीं हो पाए है और खरीदी के 15 दिन में राशि किसानों के खाते में भेजने का दावा किया जा रहा है।

भावांतर योजना को लेकर सोयाबीन खरीदी के मॉडल रेट तय होना है। उसी आधार पर मंडी में सोयाबीन बिकने के बाद मॉडल रेट से अंतर की राशि सरकार किसानों को भावांतर में देगी, लेकिन अब तक मॉडल रेट ही तय नहीं हुए है। ऐसे में मंडियों में चल रहे सोयाबीन के दामों के आधार पर किसान यह भी अंदाजा नहीं लगा पा रहे है कि इस योजना में उन्हें कितना लाभमिलेगा। इसी कारण इसे लेकर अंसमजस्य की स्थिति बनी हुई है।

खरीफ सीजन में फसल खराब होने का मुद्दा जिले में सबसे अधिक सुर्खियों में रहा और इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हुई। मुआवजा मिला और भावांतर योजना शुरू की तो इसका प्रशासन से लेकर बीजेपी के नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने किसानों के बीच पहुंचकर प्रचार-प्रसार भी जमकर किया।

बावजूद किसानों ने पंजीयन में रुचि नहीं दिखाई। फसल खराब होने के कारण कई किसानों ने फसल हंकाई कराई तो कुछ ने आग लगाई। उत्पादन प्रभावित होने से औसत घटी तो इतना उत्पादन भी नहीं हुआ कि लागत निकल पाए। इसी कारण पंजीयन कराने में किसानों ने रुचि नहीं दिखाई। इस कारण जिले में नई सोयाबीन मंडी में अब भी बहुत कम पहुंच रही है।

41 हजार ने कराया पंजीयन

सोयाबीन भावांतर योजना में जिले मे 41 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। 17 अक्टूबर तक पंजीयन हुआ। अब 24 अक्टूबर से खरीदी शुरू होगी। जिले में मंडी व उपमंडियों में खरीदी होगी। खरीदी प्रक्रिया पर सीसीटीवी से निगाह रखी जाएगी तो वीडियोग्रॉफी भी कराई होगी। मॉडल रेट शासन स्तर से तय होंगे।